वाराणसी। डिजिटल इंडिया की छठवीं वर्षगांठ पर बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल संवाद में कहा कि डिजिटल इंडिया का मतलब सबको अवसर, सबको सुविधा, सबकी भागीदारी। इस दौरान पीएम ने बाबतपुर क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव की अनुपमा दूबे से बातचीत में कहा कि नारी शक्ति देश की ताकत है और यह हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर आगे बढ़ रही हैं। डिजिटल इंडिया के छह वर्ष पूर्ण होने पर प्रधानमंत्री वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हस्तशिल्प से जुड़ीं युवतियों व महिलाओं से रूबरू हो रहे थे। कमिश्नरी सभागार में पीएम ने अनुपमा द्वारा डिजी बुनाई साफ्टवेयर के माध्यम से किए जा रहे कार्यों और अनुभव की जानकारी ली। काशी की परंपरा के अनुसार, पीएम मोदी ने हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ अनुपमा से पूछा कि पहले मैनुअली अब डिजिटल इंडिया के तहत सॉफ्टवेयर आने से उनके काम में कितना बदलाव आया है। अनुपमा ने बताया कि मैनुअली एक बनारसी साड़ी में बनाने 3 से 4 दिन लगते थे। सिर्फ डिजाइन तैयार करने में ही दो से तीन दिन लगते थे। साथ ही जिस तरह की डिजाइन की डिमांड होती थी, शत-प्रतिशत वह नहीं बन पाता था। अनुपमा ने साड़ी दिखाते हुए बताया कि डिजिटल इंडिया के तहत डिजी बुनाई सॉफ्टवेयर से 10 घंटे में एक साड़ी बन जाती है। डिजाइन आधे घंटे में तैयार हो जाती है। इसके बाद केवल बुनाई का काम रह जाता है। अनुपमा ने जरी से बुने अशोक चिह्न को दिखाते हुए बताया कि इसकी डिजाइन पहले साफ्टवेयर पर तैयार की गई। इसके बाद बुनाई की गई। इससे समय की काफी बचत हुई। प्रधानमंत्री ने अनुपमा को शुभकामना देते हुए कहा कि हस्तशिल्प जैसे पारंपरिक कार्यों को आपने डिजिटल स्वरूप देकर मिसाल पेश की है। आप जैसी नारी शक्ति देश की ताकत हैं और बुनकरों की सहायता एवं सुविधा के लिए लालपुर में हस्तकला संकुल भी बनाया गया है। अनुपमा ने उनका हृदय से धन्यवाद किया। साथ ही कहा कि यह उनके जीवन का सबसे यादगार पल है। इस दौरान यासमीन बनो और दीक्षा सिंह भी मौजूद रहीं। संवाद के दौरान मुख्य विकास अधिकारी मधुसूदन हुल्गी, उद्योग उपायुक्त वीरेंद्र कुमार सहित विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।