बच्चों की सेहत को लेकर ज्यादा सतर्कता बरतने की है जरूरत

वाराणसी। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर शासन-प्रशासन लगातार अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्रों में नए-नए वार्ड बनाने और बेडों की संख्या बढ़ाने जैसी तमाम कोशिशें कर रहा है। लेकिन मंगलवार को जो तस्वीर सामने आई वह शासन व प्रशासन को आईना दिखाने के लिए काफी है। दरअसल मंगलवार को बीएचयू में चिल्ड्रेन वार्ड में बेड भर जाने के कारण 10 दिन के एक बच्चे का इलाज मेज पर किया जा रहा है। इसके पहले से ही स्ट्रेचर पर बच्चों को भर्ती किया जा रहा है। पंचक्रोशी निवासी बच्चे की मां के मुताबिक बेड न मिलने पर बच्चे को मेज पर ही भर्ती किया गया है। उसका पेट फूला हुआ है। बेड खाली होने का इंतजार है। बीएचयू की तरह मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा में बने चिल्ड्रेन वार्ड भी बच्चों से भर गया है। इसमें नवजात बच्चों से लेकर 15 साल तक के बच्चे भर्ती हैं। सबसे अधिक बच्चों में पेट संबंधी बीमारी की शिकायत है, जबकि कुछ वायरल बुखार से भी ग्रसित हैं। डॉक्टरों के अनुसार, लोगों को बच्चों की सेहत को लेकर ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत है। पिछले चार पांच दिनों से अस्पतालों में मौसमी बीमारियों की चपेट में आने वाले बच्चों की संख्या बढ़ी है। वर्तमान में मंडलीय अस्पताल की ओपीडी के साथ ही बीएचयू अस्पताल की ओपीडी में भी हर दिन वायरल फीवर, उल्टी, दस्त, पेट संबंधी बीमारियों से परेशान 20 से 30 बच्चे पहुंच रहे हैं। इस समय मंडलीय अस्पताल में 20 बेड का चिल्ड्रेन वार्ड बच्चों से भरा है, इसी तरह बीएचयू अस्पताल के चिल्ड्रेन वार्ड में भी जगह नहीं है। मंडलीय अस्पताल के साथ ही बीएचयू अस्पताल में वाराणसी और आसपास के जिलों से आने वाले बच्चों को भर्ती करने से पहले नियमानुसार कोरोना जांच भी कराई जा रही है। इसमें बच्चों की कोविड रिपोर्ट निगेटिव हैं, लेकिन चिकित्सक बच्चों का इलाज करने के साथ ही उनके परिजनों को भी सेहत पर निगरानी करते रहने की सलाह दे रहे हैं।

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