लखनऊ। अब प्रदेश में कॉमर्शियल यात्री वाहनों को भी ट्रैक करना आसान हो जाएगा। इसके लिए परिवहन विभाग बस, रेडियो टैक्सी, कैब समेत लगभग चार लाख वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रैंकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) लगाने की तैयारी कर रहा है। डिवाइस के लगने से वाहन की लोकेशन ट्रैस करना आसान हो जाएगा, जिससे मुसीबत के समय पुलिस यात्रियों की मदद कर सकेगी। परिवहन आयुक्त धीरज साहू की निगरानी में अधिकारियों की टीम इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम कर रही है। डिवाइस के लिए विभाग ने पोर्टल पर टेंडर मांगे हैं। इस डिवाइस की कीमत लगभग 4000 रुपये होगी। वाहनों की निगरानी के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के टेढ़ी कोठी स्थित मुख्यालय में कंट्रोल कमांड सेंटर बनाया जाएगा। सेंटर में करीब 22 फीट की वीडियो वॉल बनाकर वाहनों की मॉनिटरिंग की जाएगी। वाहन में सीरियल नंबर के अनुसार डिवाइस लगायी जाएंगी। विभाग के मुताबिक डिवाइस वाहन विदेशी सेटेलाइट की पकड़ से दूर होंगे। क्योंकि यह डिवाइस सेना के वाहनों में कोडेड डिवाइस की तरह होगी। केंद्र सरकार ने ने भी एआईएस 140 कोड डिवाइस लगाने को मान्यता दी है। इसका डाटा इंडियन रीजनल नेवीगेशनल सेटेलाइट सिस्टम पर जाएगा। वहां से ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के सेटअप पर पहुंचेगा, जिसे व्हीकल ट्रैकिंग प्लेटफ ॉर्म कहा जाएगा। बस में 20 पैनिक बटन लगाए जाएंगे। मुसीबत के समय पैनिक बटन दबाते ही काल पुलिस कमांड रूम 112 पर जाएगी, जिसके बाद करीबी मोबाइल वैन पर सूचना भेजकर तत्काल मदद पहुंचाई जाएगी। साथ ही डिवाइस यह भी बताएगी कि संबंधित वाहन का परमिट किस रूट का और सवारियां लेकर किस रूट पर जा रही है।