गाजीपुर। विद्युत कर्मचारी सँयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में आज इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 के विरोध में जिले भर में बिजली कर्मियों ने किया विरोध। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर आज जिले के विजली कर्मियों ने शाम 4 बजे से 6 बजे तक विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें वक्ताओं को संबोधित करते हुवे संघर्ष समिति के जिला संयोजक निर्भय सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र में इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 संसद में रखने और पारित करने का एलान किया है अतः संसद के मानसून सत्र के पहले दिन आज देशव्यापी प्रदर्शन आयोजित किये गए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि बिजली क़ानून में व्यापक बदलाव वाले इस बिल को जल्दबाजी में पारित करने के बजाये, इसे संसद की बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाना चाहिए और कमेटी के सामने बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मियों को अपने विचार रखने का पूरा अवसर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में उत्पादन का लाइसेन्स समाप्त कर बड़े पैमाने पर बिजली उत्पादन का निजीकरण किया गया, जिसके परिणाम स्वरुप देश की जनता को निजी घरानों से बहुत महंगी बिजली की मार झेलनी पड़ रही है। अब इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 के जरिये बिजली वितरण का लाइसेंस लेने की शर्त समाप्त की जा रही है जिससे बिजली वितरण के सम्पूर्ण निजीकरण का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा | इस बिल में प्राविधान है कि किसी भी क्षेत्र में एक से अधिक बिजली कम्पनियाँ बिना लाइसेंस लिए कार्य कर सकेंगी और बिजली वितरण हेतु यह निजी कम्पनियाँ सरकारी वितरण कंम्पनी का इंफ्रास्ट्रक्चर और नेटवर्क इस्तेमाल करेंगी।
जिला सह संयोजक इंजीनियर शिवम राय ने कहा कि निजी कम्पनियाँ केवल मुनाफे वाले औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को ही बिजली देंगी, जिससे सरकारी बिजली कंपनी की वित्तीय हालत और खराब हो जाएगी। इस प्रकार नए बिल के जरिये सरकार बिजली वितरण का सम्पूर्ण निजीकरण करने जा रही है, जो किसानों और गरीब घरेलू उपभोक्ताओं के हित में नहीं है। उन्होंने बताया कि इस बिल के विरोध में 27 जुलाई को नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एन्ड इंजीनियर्स (एनसीसीओईई) के राष्ट्रीय पदाधिकारी केंद्रीय विद्युत् मंत्री आरके सिंह से दिल्ली में मिलकर उन्हें ज्ञापन देंगे| इसके बाद अगर हमलोगों का मांग पूरा नही किया गया, तो 10 अगस्त को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि केंद्र सरकार ने 10 अगस्त के पहले संसद में बिल रखा तो देश भर के बिजली कर्मी उसी दिन हड़ताल करेंगे। विरोध सभा मे मुख्य रूप से इंजीनियर आदित्य पांडेय, महेंद्र मिश्रा, मनीष कुमार, आशीष चौहान, अभिषेक राय, विजय यादव, मिठाईलाल, अमित कुमार, सत्यनारायण चौरसिया, शिवशंकर कुमार, अविनाश सिंह, तपस कुमार, नीरज सोनी, शशिकांत पटेल, मिथिलेश यादव, रोहित कुमार, रमेश कुमार, पंकज जायसवाल, विद्युत मजदूर पंचायत के जिलाध्यक्ष अरविंद कुशवाहा, जिला मंत्री विजयशंकर राय, अनुराग सिंह, कपिल गुप्ता, पीताम्बर कुशवाहा, शशिकांत मौर्य, प्रवीण सिंह, अश्विनी सिंह, जेपी कुशवाहा एवं समस्त मीटर रीडर व संविदा कर्मी उपस्थित रहे।