कानपुर। गांव में मनरेगा से कराए जाने वाले विकास कार्यों की निगरानी अब महिला मेट भी करेंगी। सीडीओ ने हर ग्राम पंचायत में महिला मेट बनाए जाने का निर्णय लिया। इसकी कवायद शुरू कर दी गई है। जिले में महिलाओं को आगे बढ़ाने व उन्हें रोजगार दिलाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। पहले समूहों में महिलाओं को जोड़कर उन्हें अलग-अलग प्रकार के रोजगार दिए। इससे उनकी आमदनी भी बढ़ी। महिलाएं भी उत्साह के साथ समूहों में जुड़ रही हैं। अब उन्हें मेट बनाए जाने का निर्णय सीडीओ सौम्या पांडेय ने लिया है। महिला मेट के लिए ब्लॉकों से आवेदन भी मांगे गए हैं। काफी संख्या में महिलाओं के आवेदन पहुंच भी रहे हैं। महिला मेट गांवों में होने वाले विकास कार्यों की देखरेख करेंगी। अभी तक यह काम केवल पुरुष के हाथों में था। जिले में हर ग्राम पंचायत में दो महिला मेट बनाई जाएंगी। जिले में कुल 618 ग्राम पंचायतें हैं। इस हिसाब से जिले में कुल 1236 महिला मेट बनेंगी। इसके बाद उन्हें काम सौंप दिया जाएगा। महिला मेट को प्रतिदिन 405 रुपये दिए जाएंगे। बीस मजदूरों पर एक महिला मेट बनाई जाएंगी। जो मनरेगा के कामों को समय से पूर्ण कराने एवं समय से मजदूरों का भुगतान पर ध्यान रखेंगी।