लखनऊ। प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों व पेंशनरों को बढ़ा महंगाई भत्ता (डीए) व महंगाई राहत (डीआर) देने पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। प्रदेश के करीब 28 लाख कर्मचारी व पेंशनर बढ़े डीए व डीआर के भुगतान का इंतजार कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए जनवरी-2020, जुलाई- 2020 तथा जनवरी-2021 में मंहगाई भत्ते व महंगाई राहत की किश्त में वृद्धि पर रोक लगा दी थी। उस समय कार्मिकों को 17 प्रतिशत डीए व डीआर का भुगतान हो रहा था। राज्य सरकार ने 24 अप्रैल को एक आदेश जारी कर इस फैसले को प्रदेश में भी लागू करने का एलान किया था। तब से प्रदेश के कार्मिक व पेंशनर 17 प्रतिशत के हिसाब से डीए व डीआर पा रहे हैं। केंद्र सरकार ने पिछले दिनों डीए व डीआर पर लगी रोक हटाते हुए जनवरी व जुलाई-2020 तथा जनवरी-2021 के तक डीए व डीआर में 11 प्रतिशत संचयी वृद्धि मानते हुए एक जुलाई से 28 प्रतिशत भुगतान का फैसला किया था। जानकार बताते हैं कि शासन के वित्त विभाग ने केंद्र से इस संबंध में आदेश जारी होने के बाद राज्य में भी बढ़े डीए-डीआर भुगतान पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। प्राथमिक आकलन के हिसाब से जुलाई से 28 फीसदी डीए-डीआर भुगतान से करीब 6,400 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय भार आएगा। वित्त विभाग के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्तर पर अंतिम निर्णय होगा।