राज्य संस्कृति विश्वविद्यालय का बड़ा केंद्र होगा बनारस

वाराणसी। अध्यात्म, कला और संस्कृति की नगरी काशी में अब प्रशिक्षु कलाकारों की नर्सरी तैयार होगी। काशी से प्रशिक्षित कलाकार जल्द ही वैश्विक धरातल पर बनारस की सांस्कृतिक सुगंध बिखेरेंगे। संस्कृति मंत्रालय की पहल पर बनारस को प्रदेश में राज्य संस्कृति विश्वविद्यालय का बड़ा केंद्र बनाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। प्रदेश में भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय को संस्कृति विश्वविद्यालय का दर्जा देने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। प्रदेश का यह पहला विश्वविद्यालय होगा जहां कला, संगीत और संस्कृति की सभी विधाओं का प्रशिक्षण मिलेगा। विश्वविद्यालय का दूसरा कैंपस बनारस में खोलने की योजना है। संस्कृति विश्वविद्यालय में लोककलाओं के संरक्षण के साथ ही शोध की भी सुविधा होगी। डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स की रूपरेखा नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए तैयार की जा रही है। संस्कृति को व्यावसायिक पाठ्यक्रम से जोड़कर रोजगारपरक कोर्स व प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इससे बनारस घराने के प्रशिक्षुओं को जहां संगीत के विश्व फलक पर छाने का मौका मिलेगा वहीं उनके हुनर को नया आयाम भी। विश्वविद्यालय में लोककलाओं को पुनर्जीवित करने के लिए बड़े आयोजन भी कराए जाएंगे, जिससे कि लोक कलाकारों की जीविका का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

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