लोक और परलोक दोनों को संवारता है रामचरितमानस

वाराणसी। संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्र ने कहा कि श्रीरामचरितमानस ऐसा ग्रंथ है जो मानव के लोक और परलोक दोनों को संवारता है। जीवन काल में मानस बेहतर जीवन व समाज की रचना के लिए प्रेरित करता है। वह श्री रामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास की जयंती पर आयोजित दो दिवसीय समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह का शुभारंभ गोस्वामी तुलसीदास के तैलचित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्ज्वलन व आरती से हुआ। बीएचयू के उपेंद्र पांडेय ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास द्वारा श्रीरामचरितमानस भगवान राम के चरित्र का सुंदर वर्णन है। मानस हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। पातालपुरी मठ के महंत स्वामी बालक दास महाराज ने कहा कि सनातन संस्कृति को गोस्वामी तुलसीदास ने राम चरित्र मानस के माध्यम से जितना प्रसारित और प्रचारित किया उतना किसी ने नहीं किया। वशिष्ट द्विवेदी ने कहा कि मानस के माध्यम से मानव सद्गति प्राप्त कर सकता है। इस दौरान परमेश्वर दत्त शुक्ल, सदाशिव द्विवेदी, श्रीनिवास पांडे, राघवेंद्र पांडेय, रामयश मिश्र, स्वर्ण पदक चतुर्वेदी, प्रभु दत्त त्रिपाठी, विश्वनाथ यादव आदि मौजूद रहे। Download Amar Ujala App for Breaking News in Hindi & Live Updates. https://www.amarujala.com/channels/downloads?tm_source=text_share

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