लखनऊ। हाईस्कूल व इंटर में फेल होने वालों से ज्यादा असहज वे विद्यार्थी हैं, जो प्रोन्नत तो हो गए हैं, लेकिन उन्हें विषयवार अंक नहीं मिले हैं। वे परेशान हैं कि उनका अगली कक्षा में दाखिला किस आधार पर होगा। शासन ने ऐसे करीब डेढ़ लाख छात्र-छात्राओं को अगली कक्षा में प्रवेश दिलाने का जिम्मा शिक्षा विभाग के अफसरों को सौंपा है। निर्देश है कि विद्यार्थियों को इसमें परेशानी न हो। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में यूपी बोर्ड की 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं निरस्त कर दी गई थीं। दोनों परीक्षाओं के लिए पंजीकृत छात्र-छात्राओं के पिछले प्रदर्शन के आधार पर परिणाम तैयार किया गया। परिणाम 31 जुलाई को घोषित किया गया। इसमें जिन परीक्षार्थियों के पूर्व वर्षों की परीक्षाओं के अंक उपलब्ध नहीं थे, उन्हें बिना अंकों के सामान्य रूप से प्रोन्नत किया गया। अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने उच्च शिक्षा निदेशक, माध्यमिक शिक्षा निदेशक, सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद, सभी संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा और जिला विद्यालय निरीक्षकों को छात्र हित व सत्र नियमित किए जाने के उद्देश्य से हाईस्कूल व इंटर 2021 में प्रोन्नत छात्र-छात्राओं को अगली कक्षा में नियमानुसार प्रवेश दिलाने का निर्देश दिया है। यह हिदायत दी गई है कि अंक न पाने वाले विद्यार्थियों को प्रवेश में किसी तरह की दिक्कत न हो। हालांकि शासन अंक सुधार परीक्षा का ऐलान कर चुका है। इसके लिए आवेदन लिए जा रहे हैं। साथ ही बिना अंक उत्तीर्ण विद्यार्थियों को भी राहत दिलाने की तैयारी है। बड़ी संख्या में विद्यार्थी अंक न मिलने से खफा हैं। अगली कक्षा में प्रवेश हो जाने से उनकी नाराजगी कम हो सकती है। हाईस्कूल में 82,238 ओर इंटर में 62,506 सहित कुल 1,44,744 विद्यार्थियों को प्रोन्नति दी गई है।