लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का बुलंदशहर के नरौरा के बंसी घाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया है। बेटे राजवीर सिंह ने कल्याण सिंह को मुखाग्नि दी। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने आहुति दी। कल्याण सिंह के अंतिम संस्कार में जनसैलाब उमड़ा है। पूर्व सीएम कल्याण सिंह के अंतिम संस्कार में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, अजय भट, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद हैं। बुलंदशहर जिले के नरौरा के बंसी घाट पर पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। बेटे राजवीर सिंह ने मुखाग्नि दी है। पूर्व सीएम को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर का बसीघाट (नरोरा) पर अंतिम संस्कार किए जाने के लिए पार्थिव शरीर को लेकर आ रही शव यात्रा को जनपद बुलंदशहर की सीमा जरगंवा (रामघाट) में प्रवेश कर चुकी है। अंतिम यात्रा के दौरान बरौली विधायक ठाकुर दलवीर सिंह के पौत्र युवा भाजपा नेता विजय कुमार सिंह ने साधु आश्रम पर कल्याण सिंह के वीर रथ के सामने सड़क पर दंडवत होकर प्रणाम किया। जनसैलाब को देखते हुए अंतिम संस्कार के लिए घाट पर प्रशासन की ओर से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। जिन-जिन जगहों से होकर अंतिम यात्रा को गुजरना है, वहां भी कदम-कदम पर प्रशासन मुस्तैद है। कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर को अब अंतिम संस्कार के लिए नरौरा घाट ले जाया जा रहा है। इस दौरान उनकी अंतिम यात्रा में भारी संख्या में समर्थकों की भीड़ जुट गई है। सड़कों पर सभी ओर भीड़ दिख रही है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अलीगढ़ में कहा कि कल्याण सिंह एक व्यक्ति नहीं, एक संस्था और आंदोलन थे। अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण उनका संकल्प था और यह संकल्प उनके बिना पूरा नहीं हो सकता था। अतरौली पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह ने पत्रकारों से कहा कि जिस दिन राम मंदिर का शिलान्यास हुआ था, उसी दिन मेरी बाबूजी (कल्याण सिंह) से बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि मेरे जीवन का लक्ष्य पूरा हो गया। बाबू जी का पूरा जीवन यूपी के विकास व गरीबों के लिए समर्पित रहा। देश को बेहतर गति एवं दिशा दी। प्रदेश का विकास किया। उन्होंने अपने कार्यों की गहरी छाप छोड़ी है। बाबूजी के जाने से भाजपा में जो रिक्तता आई है, उसकी लंबे समय तक भरपाई नहीं हो सकती। बाबूजी लंबे समय से सक्रिय राजनीति में नहीं थे। लेकिन उनको उनके उम्र के साथ-साथ युवाओं का भी साथ मिला। वह हमेशा भाजपा के प्रेरणास्त्रोत रहेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि देने पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह को देख कल्याण सिंह के बेटे फफक कर रो पड़े। इस दौरान शाह ने उन्हें गले से लगाकर सांत्वना दी।