लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले छह महीने में एक लाख युवाओं को उद्योगों और एमएसएमई इकाइयों से जोड़ा जाएगा। कौशल विभाग विभाग की ओर से मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत एमएसएमई में 50 हजार युवाओं और शासकीय, अशासकीय, सहकारी, निगम व निजी उद्योगों में 50 हजार युवाओं को प्रशिक्षण पर रखा जाएगा। प्रशिक्षण की अवधि के दौरान युवाओं को हर माह 2500 रुपये भत्ता दिया जाएगा। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने इसकी तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इसके अतिरिक्त औद्योगिक विकास विभाग में 35 हजार युवाओं को प्रदेश में संचालित हो रहे विभिन्न भारी उद्योगों में दक्षता प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से 5 हजार, नगर विकास विभाग में एक हजार, सिंचाई विभाग में पांच हजार, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में 400, पर्यटन विभाग में 100, माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग में दो हजार, चिकित्सा शिक्षा विभाग में एक हजार, व्यावसायिक एवं कौशल विभाग में 600, प्राविधिक शिक्षा में एक हजार, लोक निर्माण में चार हजार, ऊर्जा विभाग में आठ हजार, परिवहन विभाग में 800, कृषि गन्ना, उद्यान व खाद्य प्रसंस्करण एवं सहकारिता विभाग में आठ हजार, पशुपालन एवं दुग्ध विकास विभाग में आठ हजार, आवास एवं नियोजन में पांच हजार, यूपी आवास विकास परिषद में 160, यूपी प्रोजेक्ट कॉर्पोरेशन में 80 और पंचायती राज विभाग में 4200 युवाओं को प्रशिक्षण देकर उनकी दक्षता को बढ़ाया जाएगा। प्रदेश सरकार के अधिकारी ने बताया कि योजना के तहत हर जिले में युवा हब बनाने की सरकार की परिकल्पना साकार भी किया जा रहा है। इससे हुनरमंद युवा स्वरोजगार के लिए आगे बढ़ सकेंगे।