लखनऊ। लखनऊ का सफर जल्द ही आसान होगा। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने तैयारी कर ली है। प्राधिकरण ने प्रयागराज से रायबरेली तक राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को फोरलेन करने की योजना बनाई है। पहले चरण में कुल 38 किलोमीटर फोरलेन बनाया जाएगा। इसके लिए आठ सौ करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया गया है। अक्टूबर तक टेंडर फाइनल कर नवंबर से काम शुरू किया जाएगा। रायबरेली से प्रयागराज तक अभी दो लेन ही है। दो साल पहले सात मीटर से चौड़ाकर 10 मीटर कर दिया गया। सड़क के दोनों ओर शोल्डर बना दिए गए। इससे लोगों के लिए थोड़ी सुविधाएं बढ़ीं। लेकिन परेशानी बनी ही रही। इस रूट पर रोजाना 15 हजार से अधिक वाहनों का आना-जाना है। कई स्थानों पर बाजार होने से आए दिन जाम लगता है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने पिछले हफ्ते रायबरेली से प्रयागराज तक इसे फोर बनाने के लिए टेंडर जारी कर दिया है। कुल 95.7 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग को फोरलेन बनाया जाना है। उस पर दो चरणों में काम होना है। पहले चरण में 38 किलोमीटर का फोरलेन बनाया जाना है। इस पर 800 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। राजमार्ग का निर्माण रायबरेली की तरफ से किया जाएगा। जबकि, दूसरे चरण के काम के लिए सर्वे का काम पूरा कर भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को इस परियोजना को दो साल में पूरा करना है। एनएचएआई के मैनेजर योगेश तिलक के मुताबिक फोरलेन का काम रायबरेली के जगतपुर से शुरू होगा। यह बाबूगंज, ऊंचाहार, कुंडा होते हुए प्रयागराज तक आएगा। इन तीनों स्थानों पर बाईपास भी बनाए जाएंगे। 38 किलोमीटर के फोरलेन में कुल चार बाईपास और एक लिंक मार्ग बनाया जाएगा। तीन बाईपास रायबरेली में बनेंगे जबकि एक प्रतापगढ़ लालगोपालगंज के पास बनाया जाएगा। यहां से 6.5 किलोमीटर का लिंक मार्ग भी बनाया जाएगा, जो सुल्तानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-दो को जोड़ेगा। इसके अलावा ऊंचाहार में सई नदी पर दो लेन का पुल भी बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसमें प्रतापगढ़ तहसील के तीन गांव और ऊंचाहार तहसील के 17 गांवों की जमीन अधिग्रहीत की गई है। लिंक मार्ग को लेकर कुल 45 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की गई है। टेंडर डालने की अंतिम समय सीमा एक अक्तूबर तक रखी गई है। उसके बाद आगे की प्रक्रिया होगी।