हरियाणा। सीबीआई की विशेष अदालत ने पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंधक धर्मपाल ढुल को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेने के मामले में दोषी करार देते हुए चार साल की सजा सुनाई। अदालत ने दोषी बैंक प्रंबधक पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। सीबीआई की टीम ने दोषी को रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़ा था। दायर मामला तीन मार्च 2016 का है। सीबीआई की टीम ने पंजाब नेशनल बैंक फतेहपुर (हिसार) के प्रबंधक धर्मपाल ढुल को लोन पास करने की एवज में रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था। फतेहपुर निवासी संदीप कुमार पुत्र भगवान सिंह ने प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत पीएनबी की फतेहपुर शाखा में छह लाख रुपये लोन का आवेदन किया था। यह लोन 18 दिसंबर 2015 को मंजूर भी हो चुका था। उसे 30 दिसंबर 2015 को बैंक से लोन मंजूर होने की सूचना भी मिल गई थी लेकिन लोन की राशि के लिए वह बैंक के चक्कर लगा रहा था। इस बीच बैंक प्रबंधक धर्मपाल ढुल ने उससे लोन पास करवाने की एवज में तीन प्रतिशत कमीशन यानी 18 हजार रुपये की मांग की थी। संदीप ने यह राशि दो किस्तों में देने की बात कही। इसके बाद उसने रिश्वत मांगने की शिकायत चंडीगढ़ में सीबीआई की टीम को कर दी। शिकायत का सत्यापन करने के बाद सीबीआई के डीएसपी जगदीश ने प्रबंधक को रंगे हाथ पकड़ने के लिए टीम का गठन किया था। टीम ने प्रबंधक ढुल को पकड़ने के लिए जाल बिछाया लेकिन उसने जगह बदल दी थी। संदीप ने प्रबंधक को फोन कर कैथल के सेक्टर-19 स्थित अपने घर पर बुलाया। टीम ने संदीप को अदृश्य रसायन लगे 10 हजार रुपये दिए, जो उसे मैनेजर को देने थे। बैंक प्रबंधक जब संदीप के घर पहुंचा तो रुपये लेते ही सीबीआई की टीम ने छापा मारकर उसे रंगे हाथ दबोच लिया। रिश्वत के 10 हजार रुपये भी बरामद कर लिए। सीबीआई की टीम ने मामले की जांच कर विशेष अदालत में चार्जशीट दायर की थी। अब अदालत ने दोषी प्रबंधक को चार साल की सजा सुनाई है।