हरियाणा। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सुशासन दिवस को अभी लगभग चार महीने हैं, इनमें हर कर्मचारी का मूल्यांकन किया जाए। निर्धारित समय सीमा के अंदर काम नहीं करने वाले अधिकारी, कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को ये निर्देश ऑटो अपील सॉफ्टवेयर ‘आस’ के लोकार्पण के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं को पहुंचाना है। सेवाएं देने में कोताही बरतने पर सेवा का अधिकार आयोग की तरफ से तय सजा पर सख्ती से अमल करें। निर्धारित अवधि से पहले काम करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को सम्मान मिलना चाहिए। आज के दौर में आईटी की सही परिभाषा तुरंत बदलाव है। हमें हैपिनेस इंडेक्स की तरफ कदम बढ़ाने हैं। हमें आस को असल तक लेकर जाना है। लोगों की आस तभी पूरी हो सकती है, जब सभी सेवाओं को ऑनलाइन किया जाए। ऑटो अपील सॉफ्टवेयर के बारे में लोग अभी जागरूक नहीं हैं। अभियान चलाकर लोगों को यह बताने की जरूरत है कि उनकी समस्या का समाधान घर बैठे भी हो सकता है। इस समय 31 विभागों के 38 संगठनों की 546 अधिसूचित सेवाओं में से 277 सेवाएं अंत्योदय सरल पोर्टल के जरिये मुहैया कराई जा रही हैं। अभी 269 सेवाएं ऑफलाइन हैं, प्रशासकीय सचिव इन्हें भी जल्द ऑनलाइन करें। इस मौके पर हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता और आयुक्त हरदीप कुमार ने ऑटो अपील सॉफ्टवेयर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। विभिन्न विभागों के प्रशासकीय सचिव और डीसी कार्यक्रम से ऑनलाइन जुड़े। सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा सरकार ने ये व्यवस्था की है। देश में ऐसी प्रणाली लागू करने वाला हरियाणा पहला राज्य बन गया है। ऑटो अपील सॉफ्टवेयर लगातार फाइलों पर नजर रखेगा। इसकी मदद से लोगों के काम निर्धारित समय-सीमा के अंदर होने लगेंगे। और अधिकारी या कर्मचारी ढुलमुल रवैया नहीं अपना पाएंगे। सॉफ्टवेयर के तहत अगर किसी व्यक्ति का काम समय पर नहीं होता और वह काम सेवा का अधिकार अधिनियम के दायरे में आता है तो ऑटो अपील सॉफ्टवेयर के तहत आवेदन अपीलेट अथॉरिटी में चला जाएगा। अगर वहां भी काम नहीं होता तो आवेदन उससे बड़े अधिकारी के पास चला जाएगा। अगर इन दोनों स्तरों पर भी काम नहीं होता तो फिर आवेदन आयोग के पास आ जाएगा।