नई दिल्ली। अफगानिस्तान में जारी घटनाक्रम और तालिबान की ओर से कश्मीर पर दिए गए बयान के बाद भारत सतर्क हो गया है। वहां की नई सरकार का कश्मीर पर असर पड़ने के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। गृह मंत्री शाह इसी हफ्ते अलग से जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। गौरतलब है कि अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने कश्मीर मामले में दखल देने की सार्वजनिक घोषणा की है। आतंकी संगठन अलकायदा, हिजबुल मुजाहिदीन ने भी कश्मीर को लेकर बयान दिए हैं। अफगानिस्तान में जिस प्रकार पाकिस्तान का प्रभाव बढ़ा है, उससे भारत चिंतित है। भारत को लगता है कि पाकिस्तान निकट भविष्य में इन आतंकी संगठनों का उपयोग कश्मीर में कर सकता है। निकट भविष्य में कश्मीर में बड़ी संख्या में घुसपैठ की कोशिश हो सकती है। तालिबान के बदले रवैये और कश्मीर पर अलकायदा और हिजबुल मुजाहिदीन के बयान के बाद बीते हफ्ते प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में उच्च स्तरीय बैठक हुई थी। करीब तीन घंटे चली इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एनएसए अजित डोभाल उपस्थित थे। इस बैठक में अफगानिस्तान की ताजा स्थिति के साथ-साथ कश्मीर को लेकर चर्चा हुई थी। इसके बाद पीएम ने सोमवार को एक बार फिर से खासतौर पर जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था और अफगानिस्तान की स्थिति पर उच्च स्तरीय बैठक की।