जम्मू कश्मीर। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को दोबारा से हवाई यात्रा सुविधा मिलने जा रही है। इस बाबत केंद्रीय गृह मंत्रालय से इजाजत मिल गई है। एयर कूरियर सर्विस 16 सितंबर से शुरू होगी। इस सेवा को सात महीने के लिए आगे बढ़ाया गया है। यानी 31 मार्च 2022 तक केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवान जम्मू-श्रीनगर और उत्तर पूर्व रूट पर हवाई सेवा का इस्तेमाल कर सकेंगे। अमर उजाला डॉट कॉम ने एक सितंबर को ‘जोखिम में केंद्रीय सुरक्षा बल: जम्मू-श्रीनगर रूट पर हवाई यात्रा सुविधा बंद, पुलवामा आतंकी हमले के बाद शुरू हुई थी सेवा’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीएपीएफ जवानों की सुरक्षा के मद्देनजर एयर कूरियर सर्विस को दोबारा से शुररू करने का निर्णय लिया। इससे जवानों को बड़ी राहत मिली है। अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद ऐसे अलर्ट मिल रहे हैं कि पाकिस्तान की तरफ से बड़ी संख्या में आतंकवादी, जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कर सकते हैं। रक्षा विशेषज्ञ भी ऐसी संभावना जता चुके हैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई, इसके लिए जैश, लश्कर, हक्कानी और आईएस-केपी जैसे आतंकी संगठनों के साथ मिलकर घाटी में अशांति फैलाने का प्रयास कर सकती है। ऐसे में सड़क मार्ग से जवानों की आवाजाही के दौरान किसी भी तरह के हमले का जोखिम बना रहता है। सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए आतंकियों द्वारा आईईडी, हैंड ग्रेनेड, ड्रोन और आत्मघाती दस्तों की मदद ली जा रही है। बता दें कि 2019 में पुलवामा हमला होने से पहले भी केंद्र सरकार से हवाई यात्रा सेवा की सुविधा प्रदान करने का आग्रह किया गया था। उस वक्त केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हवाई यात्रा सेवा को मंजूरी नहीं दी थी। नतीजा, जवानों के काफिलों को सड़क मार्ग से आवाजाही करनी पड़ी। 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला हो गया। उस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। उसके बाद तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जवानों के आने-जाने के लिए उन्हें एयर कूरियर सर्विस’ की सुविधा प्रदान करने की घोषणा की थी। पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 31 अगस्त के बाद दिल्ली-श्रीनगर-दिल्ली और ‘श्रीनगर-जम्मू-श्रीनगर रूट पर एयर कूरियर सर्विस को आगे बढ़ाने की मंजूरी नहीं दी गई। इसके साथ ही उत्तर पूर्व के रूट पर भी सीएपीएफ जवानों की यह सुविधा बंद हो गई थी।