जम्मू कश्मीर। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) के केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख की प्रत्यायन रिपोर्ट का विश्लेषण जारी किया। उन्होंने मूल्यांकन और प्रत्यायन प्रक्रिया को विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण कारण बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रकाशन हमारे शिक्षाविदों, कुलपतियों, प्रोफेसरों और छात्रों के लिए एक बुद्धिमान सहायक के रूप में काम करेगा। तेजी से बदलती शिक्षा प्रणाली और बदलते बाजार की गतिशीलता की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नए सुधारों को पेश करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय और कॉलेजों में अपार शक्ति है। पाठ्यक्रम में छोटा सा बदलाव सामाजिक और आर्थिक माहौल पर एक निर्णायक प्रभाव डाल सकता है। उन्होंने कहा कि भविष्य उन छात्रों और शिक्षकों का है जो अपनी पूरी क्षमता का एहसास कर सकते हैं और तेजी से बदलती आवश्यकताओं के अनुकूल हो सकते हैं। जैसे हम एक ऐसे युग की ओर बढ़ रहे हैं, जिसमें ज्ञान अर्थव्यवस्था का प्रभुत्व होगा हमारी सबसे बड़ी संपत्ति मानव पूंजी होगी, जो प्रतिभा, कौशल और रचनात्मकता का संयोजन है। उपराज्यपाल मनाेज सिन्हा ने कहा कि हम विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पाठ्यक्रमों में लगातार सुधार करने के प्रयास कर रहे हैं। इसमें सीखने और नवाचार के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए छात्रों की प्रतिक्रिया शामिल है। हमारा उद्देश्य उद्यमशीलता की सोच विकसित करने के लिए प्रत्येक छात्र को तकनीकी और सामाजिक कौशल के साथ सशक्त बनाना है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि यूटी सरकार आवश्यक कौशल सेट तैयार करने के लिए नए उपकरणों के साथ शैक्षिक प्रणाली में लगातार सुधार कर रही है। साथ ही आफलाइन और ऑनलाइन मोड के माध्यम से महत्वपूर्ण सोच और जीवन भर सीखने की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि हमारे युवा जम्मू कश्मीर को आत्मनिर्भर बनाने में योगदान दे सकें।