सभी विश्वविद्यालयों के संग्रहालयों का शुरू हुआ जीर्णोंद्धार कार्य

पश्चिम बंगाल। पश्चिम बंगाल में राज्य विरासत आयोग के परामर्श से सभी विश्वविद्यालयों में संग्रहालयों के जीर्णोद्धार का काम शुरू किया गया है। इसके तहत कलकत्ता विश्वविद्यालय स्थित भारतीय कला के आशुतोष संग्रहालय का नवीनीकरण किया जा रहा है, जिसमें दरभंगा भवन, कॉलेज स्ट्रीट परिसर, वीसी कक्ष भी शामिल है। यह संग्रहालय 164 साल पुराने विश्वविद्यालय के शताब्दी भवन की विभिन्न मंजिलों पर है। इसमें भारतीय कला की सदियों पुरानी मूर्तियां, चित्र और पांडुलिपियों का एक समृद्ध खजाना है। कलकत्ता विश्वविद्यालय की उप-कुलपति सोनाली चक्रवर्ती बनर्जी ने कहा कि नवीनीकरण के माध्यम से विश्वविद्यालय आम लोगों को समृद्ध अभिलेखीय सामग्री से अवगत कराना चाहता है, जो लंबे समय से किसी का ध्यान नहीं गया है। विश्वविद्यालय स्थित आशुतोष संग्रहालय का नवीनीकरण का काम अगले साल तक पूरा होने की उम्मीद है। बकौल चक्रवर्ती, अधिकांश टेराकोटा वस्तुओं और प्राचीन वस्तुओं को ठीक से संग्रहीत नहीं किया गया था। हम प्रत्येक आइटम पर डिजिटल लाइटिंग के साथ एक नियंत्रित तापमान पर प्रदर्शन रखेंगे। विशेषज्ञों के परामर्श से हमने संग्रहालय के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं में सुधार के लिए अभियान चलाया है। संग्रहालय के एक बड़े हिस्से में 1940 के दशक में पश्चिम बंगाल के विभिन्न पुरातात्विक स्थलों जैसे चंद्रकेतुगढ़, तमलुक, पन्ना, तिल्दा, बानगढ़, महास्थानगढ़ और पहाड़पुर से प्राप्त टेराकोटा आइटम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि संग्रहालय में प्रसिद्ध कलाकार जैमिनी रॉय की पेंटिंग हैं और राजा राम मोहन रॉय, रवींद्रनाथ टैगोर और माइकल मधुसूदन दत्त के चित्र भी हैं, जो उपेक्षा की स्थिति में पड़े हैं। रॉयल्स द्वारा दान किए गए कई कीमती सामान भी हैं। कुलपति ने कहा कि 164 साल पुराने विश्वविद्यालय के शताब्दी भवन की विभिन्न मंजिलों पर स्थित संग्रहालय में कई दिलचस्प वस्तुएं हैं। पश्चिम बंगाल के ज्यादातर लोग ऐसे संग्रहालय के अस्तित्व से अनजान थे। हम लोगों को उनकी विरासत के बारे में जागरूक करना चाहते हैं। दुनिया भर के कई लोग विभिन्न कारणों से विश्वविद्यालय परिसर में आते हैं। संग्रहालय निश्चित रूप से उन्हें भी आकर्षित करेगा। उन्होंने कहा कि जीर्णोद्धार अभियान के हिस्से के रूप में कॉलेज स्ट्रीट परिसर का मुख्य द्वार, वीसी कक्ष और दरभंगा भवन भी शामिल हैं। नवीनीकरण के सभी कार्य राज्य विरासत आयोग के परामर्श से किया जा रहा है। कलकत्ता विश्वविद्यालय के वीसी कक्ष को नया रूप दिया जा रहा है।

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