गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलॉजी विभाग के तीन डॉक्टरों ने नीम, हल्दी, अदरक और लहसुन के इस्तेमाल से चूहों में शुगर नियंत्रित किया है। 56 चूहों को दो अलग-अलग समूहों में बांटकर शुगर से होने वाले नुकसान को नियंत्रित करने में सफलता मिली है। यह शोध प्रतिष्ठित अमेरिकी जर्नल पत्रिका में प्रकाशित हो चुका है। हालांकि, शोध करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि यह प्री क्लीनिकल रिसर्च जानवरों पर किया गया है। अभी क्लीनिकल रिसर्च इंसानों पर नहीं किया गया है। ऐसे में इन तत्वों का इस्तेमाल न करें। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ आरपी यादव की अगुवाई में डॉ जमाल हैदर और डॉ. प्रदीप ने 56 चूहों को दो अलग-अलग समूहों में बांटा। पहले समूह के चूहों में शुगर के नियंत्रण के लिए नीम और अदरक के पेस्ट को बनाकर उन पर शोध किया। दूसरे हिस्से में शुगर के दुष्प्रभाव और उसके नियंत्रण के लिए हल्दी और लहसुन के असर की जांच की गई। इस बीच चूहों को इंजेक्शन लगाकर, उनके 40 फीसदी बीटा सेल्स नष्ट कर दिए गए। पैंक्रियाज के इसी बीटा सेल्स से शरीर में इंसुलिन बनाती हैं, जो शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है। जबकि दूसरे समूहों के चूहों को उच्च वसा युक्त भोजन देकर शरीर में इंसुलिन का प्रतिरोध उत्पन्न किया गया। यह बात निकलकर सामने आई है कि चूहे शुगर टाइप-टू के मरीज हो गए। इन चूहों को 14-14 के ग्रुप में बांटा गया। पहले ग्रुप को शुगर की दवा मेटफार्मिन दी गई। इसके बाद से उनका शुगर लेवल नियंत्रित हो गया। जबकि दूसरे ग्रुप को नीम और अदरक का मिश्रित अर्क दिया गया। एक महीने में इन चूहों का इंसुलिन पूरी तरीके से काम करने लगा। इस बीच इन चूहों की बीटा सेल्स भी बढ़ गईं। डॉ. जमाल हैदर ने बताया कि टाइप-टू मरीजों के शरीर में इंसुलिन का निर्माण तो होता है, मगर प्रतिरोधक क्षमता विक