नई दिल्ली। राजधानी के विकास के लिए लैंड पूलिंग पॉलिसी को पंख लगेंगे। पॉलिसी के तहत प्रस्तावित इलाकों में बुनियादी सुविधाओं का बेहतर नेटवर्क तैयार होगा। इसके तहत ज्यादा जोर सार्वजनिक परिवहन पर है। इसमें नजदीकी परिवहन कॉरिडोर को संबंधित क्षेत्र से जोड़ा जाएगा। वहीं बिजली, पानी, सीवर एवं साफ सफाई का ढांचा वैश्विक होगा। ऊंची इमारतों में अलग-अलग गतिविधियां चलाने की इजाजत (वर्टिकल मिक्सिंग) दी गई है। उप-राज्यपाल की अध्यक्षता में डीडीए बोर्ड बैठक में मंगलवार को पॉलिसी के तहत अधिसूचित क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त विकास नियंत्रक (एडीसी) मानकों को हरी झंडी दिखा दी है। अब इससे जुड़े प्रस्ताव को अधिसूचित करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। जमीन की सीमित उलब्धता को देखते हुए लैंड पूलिंग पॉलिसी के जरिए डीडीए दिल्ली में पहली बार वर्टिकल मिक्सिंग पर काम करने जा रहा है। इसमें संबंधित इलाकों में आवासीय और व्यावसायिक गतिविधियों का साथ-साथ चलाने की इजाजत होगी। साथ ही एक ही इमारत में हर तरह की सुविधा मिलेगी। एक छत के नीचे अलग-अलग सुविधाओं को एक साथ लाया जाएगा। ग्राउंड फ्लोर पर व्यावसायिक गतिविधियां चलेंगी। जबकि ऊपरी मंजिलों का इस्तेमाल ऑफिस, आवासीय परिसर, गेस्ट हाउस के तौर पर हो सकेगा। माना जा रहा है कि इससे ऊंचाई में भी जगह का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जा सकेगा। एडीसी के तहत प्रस्तावित इलाकों में खुली जगह ज्यादा होगी। साथ ही राहगीरों के लिए बेहतर पैदल पथ बनाए जाएंगे। इसके साथ ही पहली बार विकास से जुड़ी एजेसियां अपना अधिकार क्षेत्र दूसरी एजेसियों को दे सकेंगी। पॉलिसी के अधीन न्यूनतम 5,000 वर्ग मीटर के आवासीय प्लॉट होना चाहिए। इससे कम आकार का प्लॉट इसके अधीन नहीं होगा। सार्वजनिक प्लाजा और बगीचों के विकास से लोगों को अपने घरों के नजदीक ही आरामदायक जगह मिल सकेगी। डीडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लैंड पूलिंग पॉलिसी में अतिरिक्त सुविधाओं को जोड़ा गया है। इससे यह ज्यादा व्यवहारिक व आकर्षक हो गई है। अब इस प्रस्ताव को अधिसूचित करने के लिए केंद्रीय आवास व शहरी विकास मंत्रालय को भेजा जाएगा। इसके बाद दिल्ली में लैंडपूलिंग पॉलिसी लागू कर दी जाएगी।