हिमाचल प्रदेश। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की 170वीं निदेशक मंडल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। साथ ही बोर्ड प्रबंधन ने अपने बजट को भी अब 139 करोड़ रुपये कर दिया है। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि बोर्ड कार्यालय में हुई निदेशक मंडल की बैठक में नियमित कक्षाओं से सीधे राज्य मुक्त विद्यालयों के माध्यम से परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों के पंजीकरण शुल्क में बोर्ड ने भारी कटौती की है। वहीं टीओसी व री-अपीयर के परीक्षार्थियों से लिए जाने वाले शुल्क भी कम कर दिया है। अब छात्रों के प्रमाणपत्रों में नाम दुरुस्ती के बाद जारी होने वाले प्रमाणपत्रों में डुप्लीकेट शब्द नहीं लिखा जाएगा। नाम दुरुस्त का शुल्क भी एक हजार रुपये के बजाय 500 रुपये संबंधित छात्रों से वसूला जाएगा। उन्होंने कहा कि एसओएस परीक्षार्थियों के हित में फैसला लेते हुए प्रवेश शुल्क कम कर दिए हैं। अगर कोई विद्यार्थी सातवीं कक्षा पास करने के बाद नियमित पढ़ाई की बजाए सीधे एसओएस आठवीं में प्रवेश लेता है तो उसे पंजीकरण शुल्क 2000 रुपये देना होगा। इससे पूर्व यह शुल्क 2400 रुपये प्रति परीक्षार्थी था। नौवीं पास करने के बाद सीधे दसवीं में प्रवेश लेने वाले एसओएस परीक्षार्थी का पंजीकरण शुल्क 2840 से घटाकर 2400 रुपये और जमा दो परीक्षार्थियों का पंजीकरण शुल्क 2400 रुपये से घटाकर 2300 रुपये कर दिया है। ट्रांसफर ऑफ क्रेडिट (टीओसी) वाले आठवीं के विद्यार्थियों का शुल्क 2320 से 2100 रुपये, दसवीं कक्षा का 2730 से 2300 रुपये और जमा दो कक्षा का 2200 रुपये कर दिया है। वहीं री-अपीयर दसवीं कक्षा का शुल्क 1400 रुपये से 700 और जमा दो कक्षा का एक हजार रुपये से 700 रुपये किया है। वहीं अतिरिक्त विषय का शुल्क 820 रुपये से घटाकर 800 रुपये किया गया है।