लखनऊ। राज्य सरकार की ओर से सदस्यों को नामित किए जाने बाद भी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड का गठन अधूरा है। बोर्ड में न्यूनतम नौ सदस्य होने चाहिए, जबकि वर्तमान में सिर्फ सात सदस्य ही हैं। ऐसे में चेयरमैन का चुनाव संभव नहीं है। बोर्ड के संचालन के लिए 11 सदस्यों का चुनाव किया जाता है। इसके लिए दो शिया सांसद लोकसभा या राज्यसभा, विधानसभा या विधान परिषद से दो शिया सदस्य, बार काउंसिल के दो शिया सदस्य और दो मुतवल्ली कोटे के सदस्यों का चुनाव होता है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार शिया समुदाय के एक मौलाना, एक सामाजिक कार्यकर्ता और उप सचिव स्तर के एक अधिकारी को नामित करती है। हालांकि वक्फ अधिनियम 1995 के मुताबिक राज्य सरकार को सांसदों, विधायकों, बार काउंसिल और मुतवल्ली कोटे से दो-दो की जगह सिर्फ एक सदस्य का भी चुनाव कराने का अधिकार है। अधिनियम के मुताबिक बोर्ड में कम से कम दो महिलाएं भी होनी चाहिए।