भारतीय सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए है तैयार: जनरल एमएम नरवणे

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन द्वारा बड़ी संख्या में सेना की तैनाती और बुनियादी ढांचे के विकास को लेकर सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने शनिवार को चिंता जताई। उन्होंने कहा कि चीन जिस तरह से पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में सेना की तैनाती बढ़ा रहा है वह एक चिंता का विष्य जरूर है लेकिन हमारी सेना भी मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि अगर चीनी सेना सर्दियों के दौरान भी तैनाती बनाए रखती है, तो यहां एलओसी जैसी स्थिति (नियंत्रण रेखा) हो सकती है, हालांकि यह सक्रिय एलओसी जैसी नहीं होगी जैसा कि पाकिस्तान के साथ पश्चिमी मोर्चे पर है। थल सेनाध्यक्ष ने कहा कि अगर चीनी सेना अपनी तैनाती जारी रखती है, तो भारतीय सेना भी अपनी तरफ से अपनी मौजूदगी बनाए रखेगी। उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ कई क्षेत्रों में भारतीय और चीनी सेनाएं लगभग 17 महीनों से गतिरोध पर हैं, हालांकि दोनों पक्ष इस साल बातचीत के बात कई जगहों से अलग भी हो गए। आर्मी चीफ ने कहा कि हां यह चिंता का विषय है, लगातार वहां पर बड़े निर्माण किए जा रहे हैं। इसका मतलब है कि चीन बॉर्डर वाले इलाकों में लंबे समय तक ठहरने वाला है। हमलोगों ने भी अपनी निगाह बनाए रखी है। अगर वे लोग वहां ठहरेंगे तो हमलोग भी वैसा ही करेंगे। बॉर्डर इलाकों में अपने अड्डे गाड़ेंगे। हमलोग अपने हिस्से वाले क्षेत्र में विकास और निर्माण संबंधी गतिविधियां बढ़ाएंगे। इसके साथ ही वहां पर सैन्य टुकड़ियों को भी भेजा जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि मुझे समझ नहीं आ रहा कि वे लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं। खासकर तब जब पूरा विश्व कोरोना जैसी महामारी का सामना कर रहा है। चीन भी अपने स्तर पर काफी चुनौतियों का सामना कर रहा है। इसके बावजूद समझ नहीं आ रहा है कि वे टकराव क्यों चाहते हैं। खैर जो भी कारण हो, लेकिन उन्होंने जो भी टारगेट सेट किया है उसमें उसे कामयाब होने नहीं दिया जाएगा। सेना प्रमुख ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के बाद, भारतीय सेना ने महसूस किया कि उसे आईएसआर (खुफिया, निगरानी और टोही) के क्षेत्र में और अधिक काम करने की जरूरत है। इसलिए पिछले एक साल में हमने आधुनिकीकरण पर जोर दिया है। इसी तरह हम आधुनिक हथियार और उपकरण पर भी जोर दे रहे हैं ताकि भविष्य में किसी भी तरह की विकट स्थिति से निपट सकें।

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