नई दिल्ली। अभी तक देश में कोयले की कोई कमी होने का दावा करने वाली केंद्र सरकार ने मंगलवार को यू-टर्न लेते हुए मौजूदा संकट के पीछे कुछ राज्यों को जिम्मेदार ठहराया। केंद्रीय कोयला मंत्री ने कहा कि हमने राज्यों से पहले ही कहा था कि कोयले का स्टॉक बढ़ा लें, लेकिन तब हमारी नहीं सुनी गई। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों ने तो आपूर्ति बंद कर देने के लिए भी कहा था। वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मंगलवार को कोयला आपूर्ति और बिजली उत्पादन की स्थिति की समीक्षा की। केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि हमने कल (सोमवार को) 19.40 लाख टन कोयले की आपूर्ति की, यह घरेलू कोयले की अब तक की सबसे अधिक आपूर्ति है। जहां तक राज्यों का संबंध है, इस साल जून तक हमने उनसे कोयले का स्टॉक बढ़ाने का अनुरोध किया था, तो कुछ यह तक कहने लगे थे कि कृपया एक उपकार करें, अब कोयला न भेजें’। केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रहृाद जोशी ने कहा कि बारिश के कारण कोयले की कमी हुई थी, जिसके चलते अंतर्राष्ट्रीय कीमतें 60 रुपये प्रति टन से बढ़ कर 190 रुपये पर पहुंच गईं। उन्होंने कहा कि इसी के चलते आयातित कोल पावर प्लांट या तो 15-20 दिन के लिए बंद हो गए या बहुत कम उत्पादन कर रहे हैं। इससे घरेलू कोयले पर दबाव बढ़ा है।