नई दिल्ली। धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए कार्ड के जरिए ऑनलाइन भुगतान को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए रुपे कार्ड में टोकन प्रणाली (सिस्टम) की शुरुआत की गई है। इसके तहत लाखों रूपे कार्डधारक अब पिन और सीवीवी के बिना ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे। दरअसल, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) को रुपे कार्ड के लिए टोकन प्रणाली शुरू करने की घोषणा की। एनपीसीआई टोकनाइजेशन सिस्टम (एनटीएस) के तहत दुकानदार कार्ड का ब्योरा अपने पास सुरक्षित रख सकेंगे, जो एक विकल्प के रूप में इस्तेमाल होगा। इससे न सिर्फ ग्राहकों के कार्ड की सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि उन्हें खरीदारी में भी आसानी होगी। एनपीसीआई ने कहा कि इस प्रणाली में आरबीआई के दिशानिर्देशों के तहत सुरक्षित लेनदेन में मदद करने के लिए ग्राहकों की संवेदनशील जानकारी को विशेष कोड (टोकन) में बदल दिया जाएगा। इस टोकन का इस्तेमाल कर ग्राहक अपनी जानकारी साझा किए बिना किसी थर्ड पार्टी एप या प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) पर भुगतान कर सकेंगे। ऐसे करेगा काम:- ग्राहक को टोकन जेनरेट करने के लिए कार्ड प्रदाता कंपनियों से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद उसके कार्ड की डिटेल्स, टोकन के लिए आवेदन करने वाली कंपनी की जानकारी (जिस कंपनी को भुगतान के लिए टोकन जेनरेट करना चाहते हैं) और ग्राहक की डिवाइस (मोबाइल/टैबलेट) की जानकारी के आधार पर टोकन जेनरेट होगा। इसके बाद टोकन को सिर्फ उसी कंपनी के साथ साझा किया जा सकेगा, जिसे भुगतान करने के लिए इसे जेनरेट किया गया है। ग्राहकों के हाथ में नियंत्रण:- ग्राहकों के लिए यह सेवा पूरी तरह मुफ्त होगी। इसे सुविधा के इस्तेमाल के लिए उन पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाया जा सकेगा और न ही बैंक या कार्ड प्रदाता कंपनियों की ओर से इसे लागू किया जा सकेगा। खास बात है कि ग्राहक के पास खुद को संपर्करहित, क्यूआर कोड या इन-एप खरीदारी जैसी किसी भी सेवा के लिए पंजीकरण करने या बाहर निकलने (डी-रजिस्टर) का अधिकार होगा। टोकन सिस्टम पर कार्ड भुगतान के जरिये होने वाले लेनदेन के लिए ग्राहक हर लेनदेन के साथ प्रतिदिन लेनदेन की लिमिट भी तय कर सकता है। इसके बाद तय लिमिट से ज्यादा लेनदेन नहीं हो सकेगा। सुरक्षित लेनदेन को लेकर बढ़ेगा भरोसा:- एनपीसीआई के उत्पाद प्रमुख कुणाल कलावतिया ने कहा कि कार्ड टोकन को लेकर आरबीआई की ओर से जारी दिशानिर्देश से देश में डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा बढ़ेगी। हमें उम्मीद है कि एनपीसीआई के इस कदम से लाखों रुपे कार्डधारकों में सुरक्षित लेनदेन को लेकर भरोसा पैदा होगा। साथ ही समग्र डिजिटल भुगतान प्रणाली को मजबूती मिलेगी।