तीसरी लहर आई तो टर्म-1 परीक्षा से तय होगा अंतिम परिणाम

नई दिल्ली। कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका बनी हुई है। तीसरी लहर का असर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की दसवीं-बारहवीं के रिजल्ट पर भी पड़ सकता है। यदि कोरोना की तीसरी लहर आई तो सत्र (टर्म)-2 की परीक्षा नहीं होगी और टर्म-1 ही रिजल्ट का आधार बनेगा। इसके आधार पर ही फाइनल रिजल्ट तैयार किया जाएगा। सीबीएसई ने अभी परीक्षाओं को लेकर ऐसी ही योजना तैयार की है। सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने बताया कि यदि कोरोना महामारी की तीसरी लहर के कारण टर्म-2 की परीक्षा नहीं हो सकी तो टर्म-1 को ही रिजल्ट का आधार बनाया जाएगा। टर्म-1 के प्रैक्टिकल के अंक व इस परीक्षा के अंकों को जोड़ कर ही तब रिजल्ट तैयार किया जाएगा। टर्म-1 के लिए बोर्ड ने स्कूलों में प्रैक्टिकल कराने के लिए कहा है। बोर्ड की ओर से पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है कि पहले सत्र की परीक्षा संपन्न होने के बाद इसका रिजल्ट अंकों के रुप में जारी किया जाएगा। इस सत्र की परीक्षा में छात्रों को पास, कंपार्टमेंट, या ईआर की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा। दोनों कक्षाओं (दसवीं-बारहवीं) का फाइनल रिजल्ट दूसरे सत्र (मार्च-अप्रैल) की परीक्षा के बाद घोषित किया जाएगा। यदि दूसरे सत्र की परीक्षा आयोजित कराने के लिए स्थितियां अनुकूल नहीं हुई तब टर्म-1 के आधार पर ही रिजल्ट निकाला जाएगा। ऐसे में बच्चों के लिए टर्म-1 की परीक्षा भी काफी महत्वपूर्ण है। टर्म-1 की परीक्षा नवंबर-दिसंबर में होनी है। टर्म-2 की परीक्षा शेष 50 फीसदी पाठ्यक्रम के आधार पर मार्च-अप्रैल मेें होनी है। दूसरे टर्म की परीक्षा सब्जेक्टिव और 120 मिनट की होगी।

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