नई दिल्ली। Tesla Inc (टेस्ला इंक) ने भारतीय बाजार में एंट्री करने से पहले इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात करों को कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय से अनुरोध किया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चार सूत्रों ने बताया कि टेस्ला ने कुछ भारतीय वाहन निर्माताओं की आपत्तियों को खारिज कर दिया। टेस्ला इस साल भारत में आयातित कारों की बिक्री शुरू करना चाहती है। लेकिन उनका कहना है कि भारत में टैक्स दुनिया में सबसे ज्यादा हैं। टेस्ला ने टैक्स कटौती के लिए सबसे पहले जुलाई में अनुरोध किया था। जिस पर देश में ऑटोमोबाइल सेक्टर की कई स्थानीय कंपनियों ने आपत्ति जताई थी। इनका कहना है कि इस तरह के कदम से घरेलू मैन्युफेक्चरिंग में निवेश बाधित होगा। भारत में टेल्सा के नीति प्रमुख मनुज खुराना सहित कंपनी के अधिकारियों ने पिछले महीने एक बंद दरवाजे की बैठक में कंपनी की मांगों को मोदी के अधिकारियों के सामने रखा और यह तर्क दिया कि टैक्स बहुत ज्यादा हैं। इस चर्चा से परिचित चार सूत्रों ने यह बताया। एक सूत्र के अनुसार, मोदी के कार्यालय में बैठक के दौरान, टेस्ला ने कहा कि भारत में शुल्क संरचना देश में उसके कारोबार को “व्यवहार्य प्रस्ताव” नहीं बनाएगी। भारत 40,000 डॉलर या उससे कम लागत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर 60 प्रतिशत का आयात शुल्क और 40,000 डॉलर से अधिक कीमत वाले वाहनों पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाता है। विश्लेषकों ने कहा है कि इन दरों पर टेस्ला की कारें खरीदारों के लिए बहुत महंगी हो जाएंगी और उनकी बिक्री को सीमित कर सकती हैं। तीन सूत्रों ने कहा कि टेस्ला ने अपने मुख्य कार्यकारी एलन मस्क और मोदी के बीच अलग से एक बैठक का अनुरोध भी किया है। मोदी के कार्यालय और टेस्ला के साथ-साथ इसके कार्यकारी खुराना ने इस बारे में टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया। फिलहाल यह साफ नहीं है कि पीएम मोदी के कार्यालय ने विशेष रूप से टेस्ला को जवाब में क्या बताया। लेकिन मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चार सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी वाहन निर्माता की मांगों पर सरकारी अधिकारियों की राय विभाजित हैं। कुछ अधिकारी चाहते हैं कि कंपनी किसी भी आयात टैक्स में कटौती पर विचार करने से पहले स्थानीय मैन्युफेक्चरिंग के लिए प्रतिबद्ध हो।