नई दिल्ली। देश में पांच राज्यों में चुनाव अगले वर्ष की शुरूआत में संभव है। हालांकि दिसंबर 2019 से चीन से निकली कोरोना बीमारी अभी भी खतरनाक बनी हुई है और आज भी कई सौ लोगों की जान जा रही है। ऐसे में चुनावी रैलियां व अन्य कार्यक्रमों में जोखिम भरा हो सकता है। इस बीच सबसे बड़े सूबेे उत्तर प्रदेश में जमकर रैलियां हो रही हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे दमखम से बड़ी बड़ी सभाएं कर रहे हैं। वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनावों को लेकर बड़ा बयान दिया है और इसे स्थगित करने का अनुरोध किया है। इसी बात पर जवाब देते हुए सीईसी सुशील चंद्रा ने कहा कि उनकी टीम अगले हफ्ते यूपी दौरे पर जाएगी। वहीं इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भारत के चुनाव आयोग से चुनावी रैलियों पर तुरंत प्रतिबंध लगाने और विधानसभा चुनाव स्थगित करने के अनुरोध पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते हम यूपी जाएंगे और वहां की स्थिति की समीक्षा करेंगे और फिर उचित निर्णय लेंगे। बता दें कि हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री पीएम मोदी और चुनाव आयुक्त से अनुरोध किया है कि कोरोना की तीसरी लहर के चलते चुनाव टालने पर विचार किया जाए। हाईकोर्ट ने कहा कि पीएम मोदी व चुनाव आयुक्त प्रदेश में चुनावी रैलियों व सभाओं पर रोक के लिए कड़े कदम उठाए। देश व विदेशों में कोरोना के नए वेरिएंड ओमिक्रोन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए यह अनुरोध किया जा रहा है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार टीवी व समाचार पत्रों के माध्यम से कर सकती हैं। इसके अलावा उत्तराखंड में भी चुनाव होने है। इस दाैैरान जानकारी देते हुए सीईसी सुशील चंद्रा ने कहा कि चुनाव प्रचार के लिए 601 मैदान और 277 भवनों की पहचान की गई है। वही सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की जिम्मेदारी एसडीएमए और स्थानीय पुलिस की होगी। उम्मीदवार उन्हें आनलाइन बुक कर सकते हैं और उन्हें पहले आओ पहले पाओ के आधार पर आवंटित किया जाएगा।