नई दिल्ली। राष्ट्रमंडल खेलों में शनिवार का दिन भारतीय भारोत्तोलकों के नाम रहा। मीराबाई चानू 49 किलो भार वर्ग में नए रिकार्ड के साथ जहां मौजूदा खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनीं वहीं 55 किलो भारवर्ग में संकेत महादेव ने रजत पदक के साथ देश का खाता खोला जबकि बिंदा देवी रानी ने 55 किलोभार में रजत और गुरुराज पुजारी ने 61 किलो भारवर्ग में कांस्य पदक जीता।
प्रतिभावान खिलाड़ियों ने अपने दमखम का शानदार प्रदर्शन करते हुए, भारत की झोली में चार पदक डालकर देश का मान बढ़ाया। राष्ट्रमंडल खेलों में चानू का यह तीसरा पदक है। इससे पहले उन्होंने 2014 ग्लासगो में रजत और 2018 गोल्ड कोस्ट में स्वर्ण पदक जीता था। चानू की गरिमामयी उपलब्धियों पर पूरे देश को गर्व है। चानू ने पहले ही पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा था कि मेरी प्रतिस्पर्धा सिर्फ मुझसे है।
स्वर्णपदक तय है, मैं सिर्फ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगी। उन्होंने जैसा कहा वैसा ही कर दिखाया। चानू का राष्ट्रमंडल खेलों में यह लगातार दूसरा स्वर्ण पदक है जो उनके अदम्य साहस, लगन और अथक परिश्रम का प्रतिफल है। चानू ने पदक को अपनी मां और कोच को समर्पित किया। गले में पीला तमगा देख चानू मां के त्याग को याद कर काफी भावुक हो गई जो चाय की दुकान चलाकर खुद भूखी रहीं पर चानू के लिए एक गिलास दूध का इंतजाम जरूर करती थीं।
मां का त्याग रंग लाई और आज उनकी बेटी ने देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। मीराबाई चानू की इस स्वर्णिम उपलब्धि पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, खेलमंत्री अनुराग ठाकुर और खेल जगत की हस्तियों समेत देशवासियों ने हार्दिक बधाई दी है। स्वर्ण पदक जीतने के बाद खुशी व्यक्त करते हुए चानू का यह कहना अत्यंत महत्वपूर्ण है उसकी असली परीक्षा साल के अंत में होने वाली विश्व चैंपियनशिप है जहां वह हर हाल में अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहेगी।