रिलेशनशिप। समाज में हर इंसान किसी न किसी रिश्ते से बंधा होता है। एक बच्चे के साथ जन्म से ही कई रिश्ते जुड़ जाते हैं। दादा-दादी, नाना नानी, माता पिता और भाई-बहन समेत परिवार के रूप में कई रिश्तों व्यक्ति के इर्द-गिर्द रहते हैं। लेकिन एक ऐसा रिश्ता भी होता है, जो जन्म से व्यक्ति के साथ नहीं जुड़ा होता, बल्कि पसंद के मुताबिक लोग इस तरह के रिश्ते को जोड़ते हैं।
यह रिश्ता हमेशा आपके साथ खड़ा रहता है और आपकी हर छोटी बड़ी बात को समझता है। इस खास रिश्ते को दोस्ती कहते हैं। हर किसी के जीवन में कोई न कोई दोस्त होता ही है। इसी दोस्ती को सेलिब्रेट करने के लिए अगस्त महीने के पहले रविवार को मित्रता दिवस के नाम समर्पित किया जाता है। इस साल फ्रेंडशिप डे 7 अगस्त को मनाया जा रहा है। अगर आपके जीवन में कोई दोस्त है, जिसकी दोस्ती को आप हमेशा संभालकर रखना चाहते हैं और नहीं चाहते कि दोस्ती में कभी कोई दरार आए, तो यहां कुछ टिप्स दिए जा रहे हैं। दोस्ती के कुछ वादे हैं, जिन्हें कभी भूल से भी तोड़ना नहीं चाहिए।
दोस्त से झूठ न बोलें:-
दोस्ती का रिश्ता विश्वास पर टिका होता है। इसलिए दोस्ती का सबसे पहला नियम होता है झूठ से दूरी। दोस्त से कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए। किसी से दोस्ती करते समय खुद से ये वादा करें कि दोस्ती के बीच कभी झूठ को नहीं आने देंगे। जब रिश्ते में झूठ बोला जाता है, तो दोस्ती खराब हो जाती है।
बातें न छुपाएं:-
दोस्तों से लोग अपने दिल की हर बात शेयर कर लेते हैं। लेकिन जब आप दोस्त से बातें छुपाने लगते हैं तो रिश्ते में दूरी आने लगती है। जैसे अपनी गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड के बारे में बातें छुपाना। जब दोस्त को आपके बारे में किसी दूसरे से बातें पता चलती हैं तो दोस्ती में दूरी आने लगती है।
पैसों की दोस्ती से दूर रहें:-
दोस्ती के रिश्ता निस्वार्थ होना चाहिए। कभी भी दोस्त का फायदा न उठाएं। हो सकता है कि आपको आर्थिक मदद की जरूरत हो, लेकिन दोस्ती में पैसों को कभी न लाएं। क्योंकि जब आप अपनी जरूरतों के लिए दोस्त और उसके पैसों पर निर्भर होने लगते हैं, तो दोस्ती टूटने की कगार पर आ सकती है।
दोस्त की मदद करने से पीछे न हटें:-
दोस्ती का एक मतलब हर सुख-दुख में साथ देना है। इसलिए जब दोस्त को आपकी सबसे ज्यादा जरूरत हो, तो कभी मदद से पीछे न हटें। दोस्त से वादा करें कि उनकी हर परेशानी में जितना संभव हो मदद करेंगे। इस वादे को निभाएं। हो सकता है कि दोस्त की मदद करने के लिए आपके पास पर्याप्त साधन न हों, लेकिन मानसिक तौर पर आप दोस्त को कमजोर और अकेला न पड़ने दें। आपकी साफ नियत दोस्ती को मजबूत बनाएगी और मदद के नाम पर दोस्त को इग्नोर करने पर दोस्ती खत्म होने की कराग पर आ जाएगी।