नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम मंत्रियों के एक राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अमृत काल के हमारे सपनों को पूरा करने में भारत की श्रम शक्ति अहम भूमिका निभाएगी।
उन्होंने कहा कि, विकसित भारत के निर्माण के सपने को साकार करने में भारत की श्रम शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है। देश संगठित और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों श्रमिक साथियों के लिए निरंतर काम कर रहा है।
उन्होंने कहा बीते आठ वर्षों में हमने देश में गुलामी के दौर के और गुलामी की मानसिकता वाले कानूनों को खत्म करने का बीड़ा उठाया है। देश अब ऐसे लेबर कानूनों को बदल रहा है, रीफॉर्म कर रहा है, उन्हें सरल बना रहा है। इसी सोच से, 29 लेबर क़ानूनों को 4 सरल लेबर कोड्स में बदला गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि EPFO ने भारत में श्रम बल को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ई-श्रम पोर्टल इस बात का एक और उदाहरण है कि कैसे भारत असंगठित क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है। निर्माण जैसे क्षेत्रों में काम करने वालों को भी अब सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है।
उन्होने कहा कि राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन में लिए किए गए विचार-विमर्श और निर्णय देश के श्रम को सशक्त बनाएंगे। संगठित और असंगठित क्षेत्रों में काम करने वालों के उत्थान के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं के माध्यम से भारत में श्रम शक्ति को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि हम फ्लेक्सिबल वर्क प्लेस जैसी व्यवस्थाओं को महिला श्रमशक्ति की भागीदारी के लिए अवसर के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। देश का श्रम मंत्रालय अमृतकाल में वर्ष 2047 के लिए अपना विज़न भी तैयार कर रहा है। भविष्य की जरूरत है- फ्लेक्सिबल वर्क प्लेस, वर्क फ्रॉम होम इकोसिस्टम।