रेसिपी। शारदीय नवरात्रि मां दुर्गा की आराधना का विशेष अवसर होता है। यही कारण है कि माता के भक्त नवरात्रि के नौ दिनों तक उपवास रखते हैं। व्रत के दौरान फलाहार के तौर पर साबूदाना खिचड़ी को काफी पसंद किया जाता है। फाइबर से भरपूर साबूदाना खिचड़ी स्वाद में भी अच्छी होती है और इसे खाने के बाद लंबे वक्त तक भूख का अहसास नहीं होता है।
नवरात्रि के दौरान कई लोग पहले और आखिरी दिन का भी व्रत रखते हैं। आप भी अगर नवरात्रि में उपवास रखने जा रहे हैं तो फलाहार के लिए साबूदाना खिचड़ी एक बेहतरीन विकल्प है। इसे बनाने में भी ज्यादा वक्त नहीं लगता है और ये मिनटों में बनकर तैयार हो जाती है।
साबूदाना खिचड़ी बनाने के लिए सामग्री:-
साबूदाना – 1 कटोरी
मूंगफली दाना – 1/2 कटोरी
आलू – 1
जीरा – 1 टी स्पून
हरा धनिया कटा – 1 टेबलस्पून
नींबू – 1
कढ़ी पत्ते – 7-8
हरी मिर्च कटी – 2
घी/तेल – 1 टेबलस्पून
सेंधा नमक – स्वादानुसार
साबूदाना खिचड़ी बनाने की विधि:-
शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों के व्रत के दौरान फलाहार के रुप में हेल्दी और टेस्टी साबूदाना खिचड़ी बना सकती हैं। इसे बनाने के लिए सबसे पहले साबूदाना धोकर 2-3 घंटे के लिए पानी में भिगोकर रख दें। जिससे साबूदाने अच्छी तरह से नरम होकर फूल जाएं। इस दौरान एक कड़ाही में मूंगफली दाने डालकर उन्हें ड्राई रोस्ट कर लें। इसके बाद मूंगफली दानों को मसलकर छिलके हटा दें और उन्हें दरदरा कूट लें।
अब एक कड़ाही में तेल डालकर मीडियम आंच पर गर्म करें। जब तेल गर्म हो जाए तो उसमें जीरा डालकर चटकाएं। इसके बाद कढ़ी पत्ते, हरी मिर्च डालकर भूनें। अब इसके आलू काटकर डालें और अच्छी तरह से भूनें। आलू को भुनने में 2-3 मिनट का वक्त लगेगा। जब आलू नरम हो जाए तो उसमें भिगोए साबूदाने डालकर करछी से मिलाएं। इसके बाद कड़ाही को ढककर 4-5 मिनट तक साबूदाना पकने दें। इस दौरान बीच-बीच में साबूदाना चलाते रहें, जिससे कड़ाही पर न चिपके।
अब इसमें दरदरे पिसे मूंगफली दानें, हरी धनिया पत्ती और स्वादानुसार सेंधा नमक डालकर करछी की सहायता से अच्छी तरह से मिलाएं। इसके बाद नींबू का रस निचोड़कर खिचड़ी को 2-3 मिनट तक और पकने दें। अब गैस बंद कर दें। स्वाद से भरपूर साबूदाना खिचड़ी बनकर तैयार हो चुकी है। इसके ऊपर हरी धनिया पत्ती गार्निश कर दही के साथ सर्व करें।