रिलेशनशिप। शादी का पहला साल रोमांचित करने वाला होता है, लेकिन चुनौतियां भी उनसे कम नहीं होती हैं। कुछ लोग बड़ी ही होशियारी से इन चुनौतियों को स्वीकारते हुए अपने आगे के जीवन को बैलेंस कर लेते हैं, जबकि कुछ लोगों के लिए ये सिचुएशन सफोकेशन से भरी होती है। वे खुद को नई चीजों में ढ़ालने में असमर्थ पाते हैं। शादी का पहला साल जीवन बदलने वाला और नए नियमों को अपनाने व एडजस्ट करने वाला होता है।
यह आप पर निर्भर करता है कि आप चीजों को कितना जल्दी अपनाते हैं और एक दूसरे की मदद करते हुए नई भूमिकाओं को निभाते हैं। शोधों में पाया गया है कि आपके शादी का पहला दो साल इतना अधिक मायने रखता है कि यह आपके दो दशक बाद के जीवन में तलाक होने की गुंजाइश की भविष्यवाणी तक कर सकता है। आइए जानते हैं पहले साल में किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए-
इन बातों का रखें ध्यान:-
-अत्यधिक नशा न करें।
-भावनात्मक या शारीरिक शोषण न करें।
-संघर्ष से डरना सही नहीं है।
-एक साथ मौज मस्ती करें।
-एक दूसरे का सम्मान करें।
-रोमांस और अंतरंगता की कमी न होने दें।
-खुद या पार्टनर पर अधिक खर्च करना।
-स्वार्थी व्यवहार रखना खतरनाक होता है।
-माता-पिता पर बहुत अधिक डिपेंड न रहें।
-एक दूसरे से जरूरत से ज्यादा उम्मीदें न रखें।
पैसों के टकराव से बचें:-
पहले ही यह तय कर लें कि आप किस तरह से पैसे को खर्च करेंगे। यह जान लें कि आप जितना ईमानदार रहेंगे आपमें उतना कम टकराव होगा।
घर के काम की सूची:-
घर के कामों को निष्पक्ष रूप से विभाजित कर लें जिससे आपके बीच काम को लेकर तनाव पैदा ना हो। समय समय पर अपने काम को रिवाइज करते रहें।
खाली समय बिताने के तरीके:-
यह साल अधिक से अधिक साथ में बिताना जरूरी होता है। ऐसे में पहले ही यह तय कर लें कि आप खाली वक्त में क्या करेंगे। ऐसे में अधिक से अधिक पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं।
अंतरंगता जरूरी:-
आपस में अंतरंगता को बनाए रखना भी बहुत जरूरी है। ऐसे में एक दूसरे के जीवन की व्यस्तताओं को देखते हुए पार्टनर के इमोशन को समझें और अपने रिश्ते की जरूरतों को पूरा करें।
ससुराल वालों के साथ हो सीमा निर्धारित:-
जहां तक आपके ससुराल पक्ष की बात है तो इस बारे में अपने जीवनसाथी से बात करें। यह भी समझने का प्रयास करें कि कहीं आपके या उनके परिवार वाले रिलेशन को प्रभावित तो नहीं कर रहा। सिचुएशन को शांति और मुस्कुराते हुए हैंडल करें।
मतभेदों को समझें:-
यह संभव है कि आपका पार्टनर और आपके विचारों या विश्वास में जमीन आसमान का अंतर हो। इन अंतर को समझें और उनका सम्मान करें। मतभेदों से बचें।
एक दूसरे की उम्मीदों के बारे में पूछें:-
अगर आप यह जान लें कि आपका पार्टनर आपसे क्या चाहता है तो आपके लिए उम्मीदों पर खरा उतरना आसान होगा। इसलिए पहले ही उससे इस विषय पर बात कर लें।