जम्मू। सैनिकों के साथ दिवाली मनाने की अपनी परंपरा को जारी रखते हुए पीएम मोदी सोमवार को कारगिल पहुंचे। यहां सैनिकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, मेरा सौभाग्य है मुझे वर्षों से दिवाली आपके बीच बॉर्डर पर आकर आपके साथ मनाने अवसर मिल रहा है। इस अवसर पर पीएम मोदी ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि मेरे लिए तो वर्षों-वर्ष से मेरा परिवार आप ही सब हैं। मेरी दीपावली की मिठास आप के बीच बढ़ जाती है, मेरी दीपावली का प्रकाश आपके बीच है और अगली दिवाली तक मेरा पद प्रशस्त करता है।
पीएम मोदी ने कहा कि देश सुरक्षित तभी होता है जब बॉर्डर सुरक्षित हो, अर्थव्यवस्था सशक्त हो और समाज आत्मविश्वास से भरा हो। देश के लोग स्वच्छता से जुड़ते हैं। देश के गरीब से गरीब व्यक्ति को भी बिजली, पानी, घर, गैस की सुविधा मिलती है। तो सीमा पर जवान को इससे मनोबल मिलता है। 7-8 साल में देश की अर्थव्यवस्था दसवें नंबर से पांचवें नंबर पर पहुंची है। देश के युवा सीमा संभाल रहे हैं और कुछ युवाओं ने देश के भीतर 80 हजार से ज्यादा स्टार्टअप शुरू किए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि इसरो ने 36 सेटलाइट छोड़ कर नया रिकॉर्ड बनाया है। कुछ महीने पहले जब यूक्रेन में लड़ाई छिड़ी तो कैसे तिरंगा वहां फंसे भारतीयों का सुरक्षा कवच बना सभी ने देखा। आज सब कुछ इसलिए हो पा रहा है क्योंकि भारत अपने भीतरी और बाहरी दुश्मनों के साथ मोर्चा ले रहा है। देश के दुश्मनों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो रही है। आतंकवाद, नक्सलवाद और अतिवाद की जड़ों को उखाड़ा जा रहा है। नक्सलवाद का दायरा लगातार सिमट रहा है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक युद्ध लड़ा जा रहा है। भ्रष्टाचारी जितना भी बड़ा व्यक्ति वो अब बच नहीं सकता। आज राष्ट्रहित में बड़े बड़े फैसले तेजी से लिए जाते हैं। पीएम मोदी ने जवानों को प्रेरणा से भरी एक कविता भी सुनाई-
तन तिरंगा, मन तिरंगा, चाहत तिरंगा, राहत तिरंगा, विजय का विश्वास तिरंगा,
सीमा से भी सीना चौड़ा, सपनों में संकल्प सुहाता,
कदम कदम पर दम दिखाता, भारत के गौरव की शान,
तुम्हें देख हर भारतीय गर्व से भर जाता है
वीर गाथा घर-घर गूंजे,
नर-नारी सब शीश नवाएं, सागर से गहरा स्नेह हमारा,
अपने भी हैं, सपने भी हैं
देशहित, सब किया समर्पित
अब देश के दुश्मन जान गए हैं
लोहा तेरा मान गए हैं
भारत के गौरव की शान
तुम्हें देख हर भारतीय गर्व से भर जाता है।
प्रेम की बात चले तो
सागर शांत हो तुम
पर देश पर नजर उठी
वीर, वज्र, विक्रांत हो तुम
एक निडर अग्रणी
एक आग हो तुम
निर्भय, प्रंचड और नाग हो तुम
अर्जुन, पृथ्वी अरिहंत हो तुम
हर अंधकार हो तुम
तुम यहां तपस्या करते हो
वह देश धन्य हो
तुम्हें देख हर भारतीय गर्व से भर जाता है।