ओरेवा के अधिकारी ने कोर्ट में दिया बयान- “भगवान की कृपा नहीं रही होगी”

नई दिल्ली। गुजरात के मोरबी पुल हादसे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस हादसे में अबतक 135 लोगों की मौत हो चुकी है और लाशों को खोजने के लिए अभियान अभी भी जारी है। इस हादसे के बाद कई अधिकारियों की लापरवाही पर सवाल भी खड़े होने लगे हैं, लेकिन पुल की मरम्मत और देखरेख करने वाली ओरेवा कंपनी ने हादसे का पूरा दोष भगवान पर ही डाल दिया है।

ओरेवा कंपनी के मीडिया मैनेजर दीपक पारेख ने इस दर्दनाक हादसे से पूरी तरह से पल्ला झाड़ लिया है। उनकी ओर से कोर्ट में बयान दिया गया है कि इस बार भगवान की कृपा नहीं रही होगी, इसलिए यह हादसा हो गया।

मोरबी पुल हादसे को लेकर मंगलवार, 1 नवंबर को लोकल कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान ओरेवा कंपनी के आरोपी मैनेजर दीपक पारेख ने अदालत में कहा कि ये हादसा भगवान की इच्छा के चलते हुआ है। ओरेवा कंपनी ही पुल के मेंटेनेंस के लिए जिम्मेदार थी और दीपक उन 9 लोगों में शामिल हैं जिन्हें मामले में अरेस्ट किया गया है। इसके अलावा पुलिस ने कोर्ट को पुल गिरने की वजह भी बताई।

हादसे की जांच कर रहे मोरबी पुलिस उपाधीक्षक पीए ज़ाला ने कोर्ट को बताया कि पुल की केबल में जंग लग गई थी और अगर इस केबल की मरम्मत की गई होती तो ये घटना नहीं हुई होती।

एमडी को बताया अच्छा आदमी:-

दीपक पारेख ने ओरेवा कंपनी का बचाव करते हुए एमडी जयसुख पटेल को अच्छा आदमी बताया है। उन्होंने कहा है कि हमारे एमडी जयसुख पटेल अच्छे इंसान हैं। 2007 में प्रकाशभाई को पुल का काम सौंपा गया था, उन्होंने बखूबी काम किया। इसलिए दोबारा उन्हें काम दिया गया। पहले भी हमने मरम्मत का काम किया था, लेकिन इस बार भगवान की कृपा नहीं रही होगी।

पुलिस ने पुल हादसे में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके बाद पांच आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। वहीं ओरेवा कंपनी के दो प्रबंधकों समेत चार आरोपियों को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है। सरकार की ओर से पुल हादसे की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट में मामले की न्यायिक जांच को लेकर याचिका दायर की गई है, जिस पर 14 नवंबर को सुनवाई होनी है।

 

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