नई दिल्ली। 18 से 20 जनवरी तक विदेश मंत्री एस. जयशंकर मालदीव और श्रीलंका का आधिकारिक दौरा करेंगे। अपनी यात्रा के दौरान जयशंकर, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद सोलिह से मुलाकात करेंगे। यहां वे मालदीव के अपने समकक्ष अब्दुल्ला शाहिद से द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा करेंगे। विदेश मंत्री एस. जयशंकर, मालदीव के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देने वाले द्विपक्षीय विकास सहयेाग से जुड़े कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे। बता दें कि एस. जयशंकर दो देशों के बीच हुए कई प्रमुख समझौतों पर भी हस्ताक्षर करेंगे।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर मालदीव के बाद 19 जनवरी को श्रीलंका का दौरा करेंगे। गंभीर आर्थिक संकट की स्थिति का सामना कर रहा श्रीलंका इस समय कर्ज पुनर्गठन को लेकर भारत से सहयोग की उम्मीद लगा रहा है। श्रीलंका अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 2.9 अरब डालर का ऋण हासिल करने के लिए प्रयासरत है और चीन, जापान और भारत जैसे प्रमुख कर्जदाताओं से वित्तीय आश्वासन हासिल करने का प्रयास कर रहा है।
यात्रा के दौरान एस. जयशंकर श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और पीएम दिनेश गुणवर्द्धने से मुलाकात करेंगे। वह श्रीलंका के विदेश मंत्री एमयूएम अली साबरी के साथ दोनों देशों के संबंधों के सम्पूर्ण आयामों पर चर्चा करेंगे। बता दें कि एस. जयशंकर की श्रीलंका यात्रा, जनवरी 2021 और मार्च 2022 के बाद अब हो रही है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत और श्रीलंका पड़ोसी देश और करीबी दोस्त हैं और भारत हर समय श्रीलंका के लोगों के साथ मजबूती से खड़ा रहा है।
भारत मैत्रीपूर्ण संबंधों को देता है महत्व :-
MEA के बयान में कहा गया है कि मालदीव और श्रीलंका दोनों हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसी हैं और पीएम नरेंद्र मोदी के ‘सागर’ (Security and Growth for All in the Region) और ‘नेबरहुड फर्स्ट’ के दृष्टिकोण में विशेष स्थान रखते हैं। इसमें कहा गया कि विदेश मंत्री की यात्रा इस बात का प्रमाण है कि भारत मालदीव और श्रीलंका के साथ अपने घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों को कितना महत्व देता है।