पैरेंटिंग। माता-पिता बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए दिन रात मेहनत करते हैं। लेकिन पैसे कमाने की प्रायोरिटीज के बीच कहीं ना कहीं वे अपने बच्चों की कुछ जरूरतों को इग्नोर कर देते हैं जो उनके भविष्य या में मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। आज के समय में वर्किंग माता-पिता के लिए बच्चों की हर जरूरतों को पूरा करने के लिए वक्त काफी मुश्किल होता है। ऐसे में वे यह महसूस करने लगते हैं कि उनके बच्चे खुद ही अपनी समस्याओं का निदान कर सकते हैं। लेकिन वे इस बात से अनजान रह जाते हैं कि बच्चों को अपने माता-पिता के स्पर्श और इमोशनल बॉन्डिंग की जरूत हमेशा महसूस होती है। हालांकि बिजी पेरेंट्स के बीच वे सेल्फ डिपेंडेंट बन जाते हैं लेकिन कुछ बातें होती हैं जो उन्हें रूप से आहत करती हैं। आइए जानते हैं ऐसे लक्षण जिससे पहचाने कि बच्चों को अटेंशन की जरुरत है-
बच्चों का शांत हो जाना:-
अगर आपका बच्चा खाने की टेबल पर या खेल के समय भी चुपचाप शांत बैठा रहता है तो समझ जाएं कि उसे कोई परेशानी है जो उसे मानसिक रूप से डिस्टर्ब कर रही है। बच्चों में ऐसे लक्षण तनाव का कारण हो सकती हैं जो मानसिक बीमारी की वजह भी बन सकती है। ऐसे मेबच्चे को आप थोड़ा समय दें और उसे अकेला ना छोड़ें।
अधिक रोना:-
अगर कई दिनों से आप बच्चे पर ध्यान नहीं दे रहे हैं तो बच्चा अपनी बात कहने के लिए ओवर रिएक्ट कर सकता है। कुछ बच्चे इंट्रोवर्ट होते हैं और खुलकर बात नहीं कह पाते। ऐसे में वे छोटी-छोटी बातों पर ओवर रिएक्ट करने लगते हैं और थोड़ी सी बात पर रोने लगते हैं। इसका मलब ये है कि उन्हें आपकी जरूरत है।
निगेटिव बातें बोलना:-
कई बार बच्चे अटेंशन के लिए वैसी बातें बोलते हैं जिसे आप पसंद नहीं करते। इस स्थिति में बच्चे अपने माता-पिता के प्रति नेगेटिव हो जाते हैं और उनके सामने जानबूझ कर बुरा बर्ताव करने लगते हैं। ऐसे में आप उन पर गुस्सा होने की बजाय यह समझें कि उन्हें आपकी जरूरत है और वे ध्यान खींचने के लिए ऐसा कर रहे हैं।
हमेशा आसपास रहता हो:-
अगर बच्चा आपके साथ ज्यादा समय बिताने की कोशिश करें तो समझ जाएं कि वह आपका अटेंशन चाहता है। ऐसे में आप कुछ देर काम बंद कर उसके साथ कुछ बात करें।
अगर जिद्दी हो जाए स्वभाव:-
अगर आपका बच्चा इन दिनों हर बात पर जिद करता है और बार-बार टोकने पर भी वो ही काम करता है तो समझ जाएं कि बच्चा आपका अटेंशन चाह रहा है। वह चाहता है कि आप उसे प्यार करें और अच्छा वक्त साथ गुजारें। इन संकेतों को पहचानकर आप बच्चे की बेहतर परवरिश कर सकते हैं।