कर्नाटक। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रविवार को कर्नाटक दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने कर्नाटक के बीदर जिले में स्थित गोराता गांव में 103 फीट ऊंचा तिरंगा लहराया और एक शहीद स्मारक का उद्घाटन किया। इस दौरान अपने संबोधन में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इसी गोराता गांव में ढाई फीट ऊंचे तिरंगे को लहराने पर सैंकड़ों लोगों को एक निर्दयी निजाम की सेना ने मार डाला था। आज हम गर्व से कह सकते हैं कि हमने उसी जमीन पर 103 फीट ऊंचा तिरंगा लहराया है, जिसे छिपाया नहीं जा सकता।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि उसी जमीन पर उन अमर बलिदानियों का स्मारक खड़ा है। यहां सरदार पटेल की 20 फीट ऊंची प्रतिमा देश के पहले गृह मंत्री की उस अहम भूमिका की प्रतीक है, जिसके तहत निजाम को हैदराबाद से बाहर किया गया। उसी के चलते बीदर का यह इलाका, भारत का हिस्सा बन सका। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति और वोटों के लालच के चलते, उन्होंने कभी भी देश के लिए बलिदान देने वाले और हैदराबाद की मुक्ति के लिए काम करने वाले लोगों को याद नहीं किया। अगर सरदार पटेल ना होते तो हैदराबाद को कभी आजादी नहीं मिलती, बीदर भारत का हिस्सा नहीं होता। अल्पसंख्यकों को मिला आरक्षण संविधान के अनुसार नहीं था। संविधान में ये प्रावधान कहीं नहीं है कि धर्म के आधार पर आरक्षण मिले लेकिन कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति के चलते अल्पसंख्यकों को आरक्षण का लाभ दिया गया। भाजपा ने वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय को आरक्षण दिया।
बता दें कि बीते दो दिनों में यह अमित शाह का दूसरा कर्नाटक दौरा है। इससे पहले अमित शाह ने बेंगलुरु में ड्रग ट्रैफिकिंग एंड नेशनल सिक्योरिटी की क्षेत्रीय बैठक में भी हिस्सा लिया था।बीती तीन मार्च को अमित शाह ने बीदर में विजय संकल्प यात्रा की भी शुरुआत की थी। कर्नाटक में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं। यही वजह है कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के कर्नाटक दौरे बढ़ गए हैं। इससे पहले शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने भी कर्नाटक का दौरा किया और वहां एक रोड शो भी किया था।