झांसी। यूपी के झांसी के पिछोर स्थित सखी के हनुमान मंदिर काफी प्रसिद्ध मंदिर है। सखी के हनुमान मंदिर में बजरंगबली की पूजा स्त्री रूप में होती है। बताया जाता है कि यह मंदिर 500 वर्ष से भी पुराना है। झांसी-कानपुर हाइवे के पास पिछोर इलाके में स्थित इस मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। हनुमान जयंती जैसे विशेष अवसर पर यह संख्या और भी बढ़ जाती है।
इस मंदिर में पवनपुत्र हनुमान एक विचित्र रूप में विराजमान हैं। यहां बजरंगबली स्त्री रूप में पूजे जाते हैं। मंदिर के महंत के मुताबिक बजरंगबली के स्त्री रूप का वर्णन आनंद रामायण की एक चौपाई में मिलता है, ‘चारुशिला नामक सखी सदा रहत सिय संग, इत दासी उत दास हैं, त्रिया तन्य बजरंग’. इस चौपाई में कहा गया है कि माता सीता की सेवा करने के लिए बजरंग बली ने स्त्री रूप लिया था। बजरंगबली के इस अवतार की पूजा यहां इस मंदिर में होती है।
मान्यताओं के मुताबिक 500 वर्ष पहले ओरछा में सखी बाबा नाम के संत हुआ करते थे। बाबा के सपने में एक स्थान पर हनुमानजी की सखी वेश में प्रतिमा दिखाई दी। उन्हें आदेश हुआ कि इस प्रतिमा को ओरछा के पास स्थापित किया जाए। जिसके बाद उन्होंने इस प्रतिमा को झांसी के पास स्थापित कर दिया।
पुत्र प्राप्ति के लिए लोग बांधते हैं पालना
बताया जाता है कि सखी के हनुमान मंदिर में लगातार पांच मंगलवार तक पूजा करने के बाद पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। भक्त यहां आकर मन्नत मांगते हैं और पालना भी बांध कर जाते हैं। ऐसे कई दंपति जिन्हें डॉक्टर भी मना कर चुके थे, वो यहां दर्शन करने आए और बाद में माता-पिता बने। हनुमान जयंती के अवसर पर यहां भजन संध्या का विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।