वाराणसी। आकांक्षा दुबे आत्महत्या मामले में आरोपी गायक समर सिंह की मुसीबतें दिन- प्रतिदिन बढ़ती दिख रही हैं। सिविल जज जूनियर डिवीजन/फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय तनया गुप्ता की अदालत ने बुधवार को समर सिंह की पुलिस रिमांड मंजूर कर ली। 13 अप्रैल की सुबह 10 बजे से 17 अप्रैल की शाम पांच बजे तक की पुलिस रिमांड स्वीकृत हुई है। इसका मतलब यह कि समर सिंह 4 दिन 7 घंटे पुलिस कस्टडी रिमांड में रहेगा। कोर्ट में समर सिंह जिला जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश हुआ।
सारनाथ थाने की पुलिस ने समर सिंह की सात दिन की रिमांड अदालत से मांगी थी। पुलिस का कहना है कि समर का मोबाइल बरामद किया जाना बहुत जरूरी है। इसके अलावा समर के लखनऊ और मुंबई स्थित ऑफिस जाकर उसके व आकांक्षा के बीच हुए वित्तीय लेनदेन व फिल्मों के करार संबंधी कागजात बरामद करना है। रिमांड का विरोध फौजदारी के अधिवक्ता अनुज यादव, आशीष सिंह और विकास यादव ने किया। अधिवक्ताओं ने कहा कि समर की गिरफ्तारी मोबाइल की लोकेशन की मदद से ही हुई है।
समर और आकांक्षा के बीच हुए वित्तीय लेनदेन और फिल्मों के करार संबंधी कागजात हमारी ओर से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ऐसे में समर सिंह को पुलिस रिमांड पर दिए जाने का कोई औचित्य नहीं है। मंगलवार को ही आरोपी समर सिंह के अधिवक्ताओं को रिमांड संबंधी आवेदन पत्र की प्रति उपलब्ध कराई गई। साथ ही, अदालत ने आरोपी के अधिवक्ताओं को आपत्ति दाखिल करने के लिए एक दिन का समय दिया था। बुधवार सुबह 11 बजे सुनवाई के बाद अदालत ने आदेश सुरक्षित रख लिया। दोपहर बाद पुलिस रिमांड संबंधित आवेदन पर आदेश जारी किया।
मालूम हो कि सारनाथ स्थित एक होटल के कमरे में बीते 26 मार्च को आकांक्षा दुबे का शव फंदे के सहारे लटका मिला था। वह भोजपुरी फिल्म की शूटिंग करने वाराणसी आई थीं। 27 मार्च को आकांक्षा दुबे की मां मधु दुबे की तहरीर के आधार पर सारनाथ थाने में आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में भोजपुरी गायक आजमगढ़ के मेंहनगर निवासी समर सिंह और उसके दोस्त बिलरियागंज क्षेत्र के गद्दोपुर निवासी संजय सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।