वाराणसी। चिकित्सा विज्ञान संस्थान BHU के ट्रॉमा सेंटर में उत्तर प्रदेश का पहला बोन एंड टिशु बैंक बनकर तैयार हो गया है। यहां मशीनें आ चुकी हैं और अब उनका ट्रायल हो रहा है। सड़क व अन्य दुर्घटना में घायलों के ऑपरेशन के दौरान निकल जाने वाली हड्डियों और टिशू को इस बैंक में जमा किया जाएगा। ताकि भविष्य में ये किसी जरूरतमंद के काम आ सकें और उन्हें नया जीवन दिया जा सके।
BHU ट्रॉमा सेंटर में हर दिन वाराणसी और आसपास के जिलों के साथ ही बिहार, झारखंड आदि प्रदेशों से घायल इलाज के लिए आते हैं। इनमें कई ऐसे होते हैं, जिनके हाथ, पैर व शरीर के अन्य हिस्से की हड्डियां टूट जाती हैं। ऑपरेशन के दौरान जो हड्डियां जुड़ नहीं पातीं, उन्हें मजबूरी में निकालना पड़ता है। यही टिशु के साथ भी होता है। अब इन हड्डियों और टिशु को ट्रॉमा सेंटर में बने बोन एंड टिशु बैंक में जमा किया जा सकेगा। जानकारी के अनुसार नई दिल्ली स्थित एम्स के बाद बीएचयू में खुलने वाला बोन एंड टिशु बैंक दूसरा बैंक है।
ये होगा फायदा
इस बोन एंड टिशु बैंक के बनने से घायलों के इलाज में काफी सहूलियत होगी। दुर्घटना में हाथ-पैर की टूटी हड्डियों के प्रत्यारोपण में भी समस्या नहीं आएगी। बोन कैंसर पीड़ितों को भी इस बैंक का काफी लाभ मिलेगा। बोन एंड टिशु बैंक में तीन आधुनिक मशीनें लगवाकर इसका ट्रायल कराया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के स्तर से कुछ औपचारिकताएं बाकी रह गई हैं। इसे भी जल्द पूरा करा लिया जाएगा। इसके बाद बैंक में बोन और टिशु रखे जाएंगे।