चंडीगढ़। वारिस पंजाब दे का मुखिया अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने मोगा के रोडे गांव के गुरुद्वारे से हिरासत में लिया है। खालिस्तानी अमृतपाल सिंह पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के साथ ही छह अन्य मामले भी दर्ज हैं, इनमें हत्या, अपहरण और अवैध वसूली जैसे गंभीर मामलों में धाराएं लगी हैं।
एनएसए समेत इन धाराओं में दर्ज हैं मामले
अमृतपाल सिंह के खिलाफ 16 फरवरी 2023 को पहला मामला दर्ज किया गया था। यह मुकदमा अपहरण और उत्पीड़न से जुड़ा था। इसके बाद अमृतपाल सिंह के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हुआ। यह मामला 23 फरवरी को अजनाला पुलिस स्टेशन का है, जहां अमृतपाल और उसके समर्थकों ने पुलिस स्टेशन पर धावा बोलकर अपने गिरफ्तार साथी लवप्रीत सिंह तूफान को छुड़ा लिया था और इस दौरान हुई झड़प में कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे।
इसके बाद 18 मार्च को पुलिस जब अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही थी तो उस दौरान अमृतपाल सिंह ने भागने की कोशिश की और इस कोशिश में उसकी गाड़ी ने पुलिसकर्मियों की गाड़ी समेत कई वाहनों में टक्कर मार दी थी। जिसके चलते पुलिस ने अमृतपाल सिंह के खिलाफ गलत तरीके से ड्राइविंग करने और सरकारी कर्मचारी पर हमले के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया।
19 मार्च को जब पंजाब पुलिस अमृतपाल सिंह की तलाश में जुटी थी तो पुलिस ने अमृतपाल के साथियों के पास से हथियार बरामद किए थे, जिसके बाद पुलिस ने अमृतपाल सिंह और उसके साथियों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। वहीं खिलचियान पुलिस ने अमृतपाल सिंह के खिलाफ गैरजिम्मेदाराना तरीके से ड्राइविंग करने, आपराधिक उकसावे की कार्रवाई और सरकारी कर्मचारियों को उनकी ड्यूटी में बाधा पहुंचाने के आरोप में भी मामला दर्ज किया था।
21 मार्च को पुलिस ने अमृतपाल सिंह के खिलाफ शाहकोट पुलिस थाने में मामला दर्ज किया था। यह मामला अवैध वसूली और दंगा भड़काने और आर्म्स एक्ट से जुड़ा था। दरअसल फरारी के दौरान अमृतपाल सिंह नांगल अंबिया खुर्द गांव के गुरुद्वारे में गुरुद्वारे के ग्रंथी को धमकाने और भेष बदलने के लिए बंदूक के सहारे उसके बेटे के कपड़े लेने के मामले में केस दर्ज किया था।
अमृतपाल को गिरफ्तारी के बाद क्यों भेजा गया डिब्रूगढ़ जेल
सुरक्षा कारणों से अमृतपाल सिंह को असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया है। दरअसल अमृतपाल को पंजाब की जेल में रखने से राज्य में तनाव बढ़ने की आशंका थी और इसके चलते अजनाला पुलिस स्टेशन जैसी घटना होने की भी आशंका थी। यही वजह है कि पंजाब पुलिस ने एहतियातन अमृतपाल सिंह को पंजाब से दूर असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजने का फैसला किया है।