एस्ट्रोलॉजी। अभी हाल ही में वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण लगा था, जो भारतवर्ष में दिखाई नहीं दिया। इसके बाद जल्दी ही वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है। यह चंद्र ग्रहण वैशाख पूर्णिमा अर्थात बुद्ध पूर्णिमा के दिन लगने वाला है। वैज्ञानिकी दृष्टि से चंद्र ग्रहण तब लगता है, जब पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के बीच में आ जाती है। हिंदू धर्म पुराणों के अनुसार ज्योतिष शास्त्र में बताया जाता है कि राहु चंद्रमा को ग्रसित करते हैं, तब चंद्रग्रहण होता है। सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण से पहले सूतक काल माना जाता है। चंद्र ग्रहण से पहले लगने वाले सूतक की अवधि को अशुभ मानते हैं। तो चलिए जानते है वर्ष के पहले चंद्र ग्रहण का समय, सूतक काल और ये कहां कहां दिखाई देगा।
कब लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण
बता दें कि वर्ष 2023 में कुल 4 ग्रहण लगने जा रहे हैं, जिनमें वर्ष 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई 2023 दिन शुक्रवार को रात 8:45 से शुरू होगा और देर रात 1:00 बजे समाप्त हो जाएगा। यह चंद्र ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। जबकि इस दिन वैशाख पूर्णिमा भी है। जिसे हम सभी बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जानते हैं। चंद्रग्रहण का परमग्रास समय रात 10:53 पर है। चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है, लेकिन वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां इसका सूतक काल मान्य नहीं है।
पच्छाया की अवधि – 04 घंटे 15 मिनट्स 34 सेकण्ड्स
उपच्छाया चन्द्र ग्रहण का परिमाण – 0.95
कहां-कहां दिखेगा वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण ?
वर्षका पहला चंद्र ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण है। अर्थात चांद पर पृथ्वी की छाया सिर्फ एक तरफ रहने के कारण ये ग्रहण भारत के अलावा अन्य कई जगहों से देखा जा सकेगा। वर्ष का पहला चंद्रग्रहण यूरोप, सेंट्रल एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अंटार्कटिका, प्रशांत अटलांटिक और हिंद महासागर में देखा जा सकेगा।
इन बातों का रखें ख्याल
ज्योतिष शास्त्र तथा हिंदू मान्यताओं के मुताबिक चंद्र ग्रहण के समय खाना बनाना और खाना खाना दोनों ही वर्जित होती है। इसके अलावा चंद्र ग्रहण के समय पूजा अर्चना भी नहीं करनी चाहिए। यदि आपके घर में आपने मंदिर बना रखा है, तो मंदिर के गेट बंद कर दें, या फिर उस पर पर्दा डाल देना चाहिए। चंद्र ग्रहण के समय सोना उचित नहीं माना जाता। ग्रहण के समय जितना संभव हो भगवान के मंत्रों का जाप करते रहना चाहिए। चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को घर से निकलने की मनाही होती है। साथ ही इस दौरान पेड़ पौधों को भी नहीं छूना चाहिए।