22वीं सदी की शुरुआत तक में दुनिया होंगे 250 करोड़ बुजुर्ग, हर 5वां भारतीय होगा बूढ़ा

नई दिल्ली।  वैसे तो भारत को दुनिया की सबसे जवान देश माना जाता है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की ‘द स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन रिपोर्ट 2023’ के मुताबिक बताया गया कि भारत की जनसंख्या 142.86 करोड़ तक पहुंच गई है, जबकि चीन की जनसंख्‍या 142.57 करोड़ है, जिससे पता चलता है कि हमारी भारत की जनसंख्या चीन से  29 लाख अधिक है। यूएनएफपीए रिपोर्ट के आकंड़ो के मुताबिक भारत की 68 फीसदी आबादी की उम्र 15-64 वर्ष के बीच है, जबकि 65 वर्ष से ऊपर के सिर्फ 7 फीसदी लोग हैं। लेकिन 2050 तक यह परिदृश्य बदल जाएगा।

यूएनएफपीए के इस रिपोर्ट के मुताबिक कहा गया कि वर्ष 2050 तक भारत में 65 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों की संख्या वर्तमान से दोगुनी हो जाएगी। अर्थात करीब 14 फीसदी भारतीय आबादी की आयु 65 वर्ष से ज्यादा होगी। तथा रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जापान, चीन, इटली समेत अन्य यूरोपीय देशों की तरह भारत को भी अपनी बूढ़ी होती आबादी के लिए अभी से जरूरी तैयारियां करने की आवश्यकता है। इस दौरान चीन में बुजुर्गों की आबादी दोगुनी हो जाएगी। दुनिया के अन्य देशों की तुलना में भारत काफी जवान देश है और उसके पास अभी करीब 3 दशक तक यह मौका रहने वाला है।

चीन में 30% आबादी बुजुर्ग
इस दौरान चीन को अपनी बुजुर्ग आबादी के कारण खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। यूएनएफपीए रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के वर्क फोर्स में 4.1 करोड़ लोगों की कमी हो गई है, जो अभी और घटेगा। यह कई यूरोपीय देशों की आबादी के बराबर है। रिपोर्ट के मुताबिक 2040 तक चीन में 65 वर्षीय बुजुर्गों की आबादी 25 साल से कम के युवाओं से ज्यादा हो जाएगी, वहीं 2050 तक चीन की आबादी में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी 65 वर्ष से अधिक के उम्र वालों की होगी। यूएनएफपीए ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारत और चीन दोनों को अपनी बुजुर्ग आबादी की सामाजिक सुरक्षा के लिए तैयारी करने की जरूरत है।

2050 तक हर 5वां भारतीय बुजुर्ग होगा
यूएनएफपीए के रिपोर्ट में बताया गया कि बुजुर्ग आबादी का आकार 2030 तक लगभग दोगुना होकर 192 मिलियन तक पहुंच जाएगा और 2050 तक हर 5वां भारतीय बुजुर्ग होगा, इसलिए सभी का बराबर ध्यान रखने के लिए योजना बनाने की आवश्यकता होगी। बुजुर्गों के स्वास्थ्य और आर्थिक सुरक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता होगी। भारत की जनसंख्या जनसांख्यिकी अलग-अलग राज्यों में भिन्न होती है। संयुक्त राष्ट्र के विश्लेषण से पता चला है कि केरल और पंजाब में बुजुर्ग आबादी है, जबकि बिहार और युपी में युवा आबादी है।

22वीं सदी की शुरुआत तक दुनिया में करीब 250 करोड़ बुजुर्ग होंगे
22वीं सदी के शुरूआत तक पूरी दुनिया में बुजुर्गों की आबादी बढ़कर 160 करोड़ से ज्‍यादा हो जाएगी। यूएनएफपीए के एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक बताया गया कि 2021 में 65 साल या उससे ज्‍यादा उम्र के लोगों की आबादी 76.1 करोड़ थी।  इसके 21वीं सदी के मध्‍य तक बढ़कर 1.6 बिलियन पार कर जाने का अनुमान है। यूएनएफपीए के रिपोर्ट के मुताबिक, 22वीं सदी की शुरुआत तक दुनिया में करीब 250 करोड़ बुजुर्ग होंगे। रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में हर 10 में से 1 व्‍यक्ति की उम्र 65 साल या उससे ज्‍यादा थी। वहीं वर्ष 2050 तक दुनियाभर में हर 6 में से 1 व्‍यक्ति इस एजग्रुप में शामिल होगा। दुनिया की बुजुर्ग आबादी में सबसे तगड़ा उछाल एशिया में देखने को मिलेगा। वर्ल्ड की बुजुर्ग आबादी में 2050 तक जो इजाफा होगा, उसका 60% एशिया से आएगा।

 

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