आनंद मोहन: आजीवन कारावास की सजा हुई तो कैसे हो गई 15 साल में रिहाई, सुप्रीम कोर्ट ने मागां रिकार्ड

नई दिल्‍ली।  पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बिहार सरकार के कानून के प्रवधान में परिवर्तन से आनंद मोहन की समय से पहले ही रिहाई हो गई। आपको बता दें कि आईएएस अधिकारी जी. कृष्णैया हत्याकांड के दोषी बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन को उम्रकैद में छूट देने के लिए बिहार सरकार ने प्रावधानों में कुछ बदलाव किया था, जिससे उनकी समय-पूर्व रिहाई हो गई। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू भी हुई, लेकिन राज्य सरकार की ओर से लिखित जवाब के लिए समय की मांग की गई और कोर्ट ने इसकी अनुमति दे दी। वहीं  कोर्ट ने अगली सुनवाई एक अगस्त को करने की तारीख दी है। कोर्ट ने कहा कि बिहार सरकार को एक अगस्त को जवाब दाखिल कर देना है। इससे बाद इस नाम पर समय नहीं मिलेगा।

 

आनंद मोहन के खिलाफ कोर्ट में दिवंगत आईएएस की पत्नी उमा कृष्णैया ने छूट दिलाने के लिए प्रावधान बदलने के बिहार की नीतीश सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। उमा देवी ने कहा की मुझे न्यायपालिका पर भरोसा है। वह जरूर इस केस में न्याय करेंगे। उनका कहना है कि जब आनंद मोहन को आजीवन  कारावास की सजा हुई तो उनकी रिहाई 15 साल में कैसे हो गई। कोर्ट से अपील है कि वह मामले पर गंभीरता से विचार करे।

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