Reason for Applying Mahavar: हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ काम में पैरों में महावर लगाना बेहद ही शुभ माना जाता है। शादी के समय पैरों में महावर का लगाना आवश्यक माना जाता है। वही पूजा-पाठ या त्योहारों पर महिलाएं श्रृंगार करने के दौरान पैरों में महावर भी लगाती हैं। ऐसा माना जाता है कि महावर के बिना श्रृगार पूरा नही होता है। कहीं-कहीं तो पैरों के कसवा हाथें में भी महावर लगानें की पंरपरा होती है। लेकिन बहुत लोग खासतौर पर आज कल के युवा, इस बात से अनजान हैं कि आखिर पैरों में महावर लगानें की वजह क्या है तो चलिए जानते है इसके पीछे छिपे वजहों के बारे में, और किस दिन भूल से भी पैरों में महावर नही लगाना चाहिए।
शुभता का प्रतीक है महावर
हिन्दू धर्म में ऐसा माना जाता है कि महावर के बिना श्रृंगार पूरा ही नही हो सकता। वहीं सुहागन महिलाओं के लिए महावर लगाना बेहद ही आवश्यक होता है। सौभाग्य में वृद्धि के लिए होने वाली दुल्हन और कन्याओं को भी महावर लगाया जाता है। वहीं महावर को शुभता का प्रतीक माना जाता है। और इसके बिना श्रृंगार भी अधूरा होता है।
मां लक्ष्मी का स्वरूप होता है महावर
नवजात बच्चियों और कुंवारी कन्याओं के पैरों में भी महावर लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि महावर मां लक्ष्मी का स्वरूप होता है। वहीं कई जगहों पर बेटी के जन्म के बाद गृह प्रवेश के समय और नवरात्रि पूजन के दौरान कुंवारी कन्याओं के पैरों में महावर लगाकर, घर में इसकी छाप भी ली जाती है। जिससे घर सुख सम्पन्नता से भरपूर रहे।
मंगलवार के दिन या दक्षिण दिशा की ओर मुख करके न लगाएं महावर
बहुत से महिलाएं ये तो जानती है कि महावर बेहद शुभ हैं और शुभ कार्य में इसे अवश्य लगाना चाहिए। लेकिन किसी दिशा में बैठकर या किस दिन इसे नही लगाना चाहिए ये नही जानती। जबकि मान्यता के अनुसार महावर को कभी भी दक्षिण दिशा में मुख करके व मंगलवार के दिन भूलकर भी नही लगाना चाहिए।