Balasore Train Accident: ट्रेन हादसे की पूरी कहानी रेलवे बोर्ड के जुबानी, जानें कैसे हुए हादसा!

Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को हुए ट्रेनें हादसे को लेकर रेलवे बोर्ड ने प्रेंस कॉन्फ्रेंस की। ओडिशा चीफ सेक्रेटरी प्रदीप जेना ने बताया कि हादसे में 288 नहीं, बल्कि 275 लोगों की मौत हुई है। कुछ शव दो बार गिन लिए गए थे। हादसे में 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

रेलवे बोर्ड की ओर से बताया गया कि शायद सिग्नल के साथ समस्या थी। कोरोमंडल एक्सप्रेस जब मालगाड़ी से टकराई थी, उस वक्त उसकी 128 किमी/घंटा थी। इसके अलावा हादसे की शिकार दूसरी ट्रेन यशवंतपुर एक्सप्रेस की रफ्तार 126 किमी/घंटा थी। इन ट्रेनों की अधिकतम गति सीमा 130 किमी/घंटा है। ऐसे में ओवरस्पीडिंग का कोई मामला नहीं बनता।

कोरोमंडल एक्सप्रेस को ज्यादा नुकसान
रेलवे बोर्ड ने प्रेस कॉन्फेंस में बताया कि प्रारंभिक जांच में सिग्नल के साथ कुछ समस्या पाई गई है। आगे की जांच की जा रही है। लूप लाइन पर मालगाड़ी खड़ी थी। कोरोमंडल एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकराई थी। बताया गया कि मालगाड़ी में लोहा लदा हुआ था। इस वजह से मालगाड़ी के डिब्बे अपनी जगह से हिले भी नहीं और यही कारण है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस के यात्रियों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।

यशवंतपुर एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बे दुर्घटनाग्रस्त
रेलवे बोर्ड ने बताया कि इस दौरान यशवंतपुर एक्सप्रेस वहां से गुजर रही थी। टक्कर के बाद पटरी से उतरे कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे यशवंतपुर एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बों से टकरा गए। इस वजह से यशवंतपुर एक्सप्रेस के डिब्बे भी पटरी से उतर गए।

सिग्नल में गड़बड़ी का जिक्र
जया वर्मा सिन्हा, सदस्य संचालन व्यवसाय विकास ने बताया कि रेलवे ने हादसे के बाद सबसे पहले राहत और बचाव कार्य किया, उसके बाद मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। बहानागा स्टेशन पर 4 लाइने हैं। इसमें 2 मेन लाइन है। लूप लाइन पर मालगाड़ी थी। स्टेशन पर ड्राइवर को ग्रीन सिग्नल मिला था। दोनों गाड़ियां अपने पूरे गति पर चल रही थी। प्रारंभिक जांच में लग रहा है कि सिग्नल में गड़बड़ी हुई है। घटना की चपेट में सिर्फ कोरोमंडल आई थी।

हेल्पलाइन नंबर जारी
उन्होंने बताया कि हमारा हेल्पलाइन नंबर 139 उपलब्ध है। यह कॉल सेंटर नंबर नहीं है, हमारे वरिष्ठ अधिकारी कॉल का जवाब दे रहे हैं और हम अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। घायल या मृतक के परिवार के सदस्य हमें कॉल कर सकते हैं।

करीब 8 बजे तक मिल जाएंगी 2 लाइनें
जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि शाम के करीब 8 बजे तक 2 लाइनें हमें मिल जाएंगी, जिस पर गाड़ी धीमी गति से निकलनी शुरू हो जाएगी। मामले की जांच चल रही है। प्रथम दृष्टया लगता है कि सिग्नल के कारण कोई समस्या हुई होगी। उन्होंने यह भी कहा कि गृह मंत्रालय से मदद ली जा रही है, एनआईए से नहीं।

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