Lucknow news: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को चालू वित्तीय वर्ष में राजस्व प्राप्तियों की समीक्षा की। इस दौरान उनके साथ वित्तमंत्री सुरेश खन्ना भी मौजूद रहे। यहां सीएम योगी ने कहा कि लगातार प्रयासों से प्रदेश के कर-करेत्तर राजस्व संग्रह में लगातार वृद्धि हो रही है।
इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में अब तक 46 हजार करोड़ से अधिक राजस्व मिला है। इसमें जीएसटी व वैट से 26 हजार करोड़, एक्साइज में 10 हजार करोड़, स्टाम्प एवं पंजीयन से 6 हजार करोड़ और परिवहन से 2400 करोड़ से अधिक मिला है। उन्होंने संतोष जताते हुए कहा कि यह जनता से मिला धन है, जो प्रदेश के विकास और जन कल्याण पर खर्च किया जाएगा।
राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए तलाशें नए स्रोत
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं। राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए नए स्रोत तलाशें। उन्होंने चालू वित्तीय वर्ष के लिए 1.50 लाख करोड़ के जीएसटी और वैट संग्रह का लक्ष्य दिया। मुख्यमंत्री ने राजस्व चोरी को राष्ट्रीय क्षति बताते हुए कहा कि जीएसटी चोरी रोकने के लिए निगरानी बढ़ाएं।
उन्होने कहा कि छापेमारी से पहले पुख्ता जानकारी इकठ्ठा करें और इंटेलिजेंस को और बेहतर बनाएं। विशेष अनुशासनिक इकाइयों और सचल दल इकाइयों की सक्रियता को और भी बढ़ाया जाए। टैक्स चोरी पर रोक की सफलता पर संतोष जताते हुए कहा कि अभी भी कार्यशैली में व्यापक सुधार की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने फील्ड में योग्य, कुशल और दक्ष अधिकारियों को तैनाती करने के निर्देश दिए।
सीएम योगी खुद करेंगे समीक्षा
सीएम ने कहा कि राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए शासन स्तर से फील्ड अधिकारियों को स्पष्ट टारगेट दिया जाए। इसकी साप्ताहिक और मासिक समीक्षा भी की जाए। हर तीन महीने में खुद सीएम समीक्षा करेंगे। खनन में लगे वाहनों में हर हाल में ओवरलोडिंग रोकने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए। उन्होंने कहा कि ये हादसों का बड़ा कारण हैं। इस दिशा में सख्त कार्यवाही करें।
इन सबके अलावा भी सीएम योगी ने धर्मस्थलों, विद्यालयों और हाईवे आदि के नजदीक की शराब दुकानें बंद करने निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अवैध शराब बनाने व बेचने पर सख्त से सख्त कार्यवाही व सघन निगरानी सुनिश्चित की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि इन जगहों पर शराब बेचने की कोई भी दुकान ना हो। हालांकि इसके पहले सीएम योगी यह निर्देश दे चुके हैं कि कांवड़ यात्रा के दौरान कोई शराब की दुकान या मांस बेचने वाली दुकान मार्ग में न हो।