Sawan Somvar: काशी विश्वनाथ धाम में पहली बार हुई हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा, शिवभक्त हुए निहाल

Varanasi: श्रावण माह के पहले सोमवार को नव्य-भव्य काशी विश्वनाथ मंदिर में पहली बार हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई। योगी सरकार की ओर से शिव भक्तों के लिए रेड कॉर्पेट बिछाकर उनपर फूल बरसाए गए। इसके अलावा मार्कण्डेय महादेव और प्रयागराज वाराणसी कांवड़िया मार्ग पर भी शिवभक्तों के ऊपर सरकार ने हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की। बाबा के दर्शन के लिए रविवार रात से ही भक्तों की लाइन लग गई थी। सोमवार को राजराजेश्वर काशी पुराधिपति भगवान विश्वेश्वर के दरबार में शीश नवाने के लिए दूर दूर से शिवभक्त काशी पहुंचे। शाम 6 बजे तक 4 लाख से ज्यादा शिवभक्तों ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई। आस्था के इस जनसैलाब को देखते हुए योगी सरकार के निर्देश पर काशी विश्वनाथ धाम में सुविधा और सुरक्षा के पुख्ता और कड़े इंतज़ाम किये गए।

सोमवार को शिव की नगरी काशी कांवड़ियों के केसरिया रंग में रंगी दिखी। सावन के पहले सोमवार को काशी में उमड़ा आस्था का जनसैलाब रविवार की देर रात से ही अटूट कतार की शक्ल में बनारस में दिखाई देने लगा था। भोर में मंगला आरती के बाद जैसे ही बाबा विश्वनाथ के मंदिर का कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खुला, आस्थावानों के पांव बाबा के चौखट की ओर बढ़ चला। शिवभक्तों ने पूरी श्रद्धा के साथ बाबा के दरबार में शीश नवाकर क्षीर-नीर का अर्पण किया। वहीं दोपहर 12 बजे के करीब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जब हेलीकॉप्टर से श्री काशी विश्वनाथ धाम, मार्कण्डेय महादेव और प्रयागराज-वाराणसी कांवड़िया मार्ग पर फूल बरसाए गए तो शिवभक्त निहाल हो उठे। हेलीकॉप्टर से हुई पुष्प वर्षा के बाद पूरी काशी हर-हर महादेव और बोल बम के जयघोष से गूंज उठी। सुबह ही परंपरागत रूप से सबसे पहले यादव बंधुओ ने चांदी के कलश में जल भरकर बाबा का जलाभिषेक करते हुए विश्व कल्याण की कामना की। इस दौरान यादव बंधुओं को किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो, इसके लिए प्रशासन की ओर से समुचित व्यवस्था की गई थी।

श्री काशी विश्वनाथ धाम मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि पिछले वर्ष 2022 में सावन के पहले सोमवार को रिकॉर्ड  5,76,573 दर्शनार्थियों ने दर्शन किया था। इस वर्ष सावन के पहले सोमवार को शाम 6 बजे तक 4,19,169 श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे। मंदिर के चारों द्वार पर लगे हेड स्कैन मशीन के जरिए श्रद्धालुओं की गिनती की जाती है। मंदिर प्रशासन की ओर से आंकड़े जारी किये जाएंगे।

 

 

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