Manipur incident: मणिपुर में बीते कई महिनों से हिंसा जारी है लेकिन हाल ही में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की इस शर्मशार कर देने वाली घटना का प्रभाव आस-पास के राज्यों में पड़ने लगा है। आपको बता दें कि मणिपुर में हुए इस सामूहिक दुष्कर्म करने की घटना से डर की वजह से मिजोरम में रह रहे मैतेई समुदाय ने पलायन शुरू कर दिया है। बता दें कि मणिपुर में जारी हिंसा के बाद से अभी तक करीब 12 हजार से ज्यादा कुकी और जोमी जनजाति के लोग मिजोरम में शरण ले चुके हैं।
मैतेई के लिए सुरक्षित नहीं है मिजोरम
पूर्व उग्रवादी संगठन मिजो नेशनल फ्रंट के सहयोगी संगठन पीस अकॉर्ड एमएनएफ रिटर्नीज एसोसिएशन ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि ‘मिजोरम में रह रहे मैतेई समुदाय के लोग अपनी सुरक्षा के लिए राज्य छोड़ दें। मणिपुर की घटना से मिजो लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं, ऐसे में मिजोरम, अब मैतेई लोगों के लिए सुरक्षित नहीं रह गया है।’ बता दें कि मिजोरम में रहने वाले मिजो लोगों के, मणिपुर के कुकी और जोमी जनजाति के लोगों के साथ गहरे जातीय संबंध हैं। मणिपुर में जिन महिलाओं के साथ ज्यादती की गई, वह कुकी और जोमी जनजाति की थीं।
PAMRA के बयान के बाद फैला डर
दरसल, मिजोरम में करीब दो हजार मैतेई समुदाय के लोग रहते हैं। ये अधिकतर राजधानी आइजवाल और इसके आसपास के इलाकों में रहते हैं। PAMRA के बयान के बाद मिजोरम में रहने वाले मैतई समुदाय में डर फैल गया और लोगों ने पलायन शुरू कर दिया। हालांकि मिजोरम की सरकार ने लोगों को विश्वास दिलाया है कि उन्हें मिजोरम में कोई खतरा नहीं है और मैतई समेत कई जगहों पर पुलिस की तैनाती भी की गई है। हालांकि इसके बावजूद लोग मिजोरम से पलायन कर रहे हैं।
हिंसा के बाद से मणिपुर से हो रहा पलायन
वहीं, मणिपुर सरकार ने भी एक बयान जारी कहा कि हम मिजोरम में रह रहे मैतेई समुदाय के लोगों के संपर्क में हैं और अगर उन्हें जरूरत है तो राज्य सरकार लोगों को लाने के लिए चार्टर्ड विमान भेज सकती है।